जमाबंदी में सुधार और रद्द करने का आवेदन अब ऑनलाइन


पटना।। बिहार में भूमि सुधार के क्षेत्र में सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. सरकार के नए कदम से अब लोग अपनी जमीन का म्यूटेशन ऑनलाइन भी करवा सकेंगे. जमीन की जमाबंदी में सुधार या उसे रद्द करने का आवेदन भी अब ऑनलाइन किया जा सकेगा.

रैयतों को पारदर्शी एवं बेहतर राजस्व प्रबंधन प्रणाली उपलब्ध कराने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पूर्व से दी जा रही ऑनलाइन सेवाओं को और प्रभावकारी एवं उत्तरदायी बनाया है. इस कड़ी में 6 अगस्त से ई-म्युटेशन प्लस, परिमार्जन प्लस एवं राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली में कई सुविधाओं की शुरूआत विभागीय मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने की.
डॉ दिलीप जायसवाल ने बताया कि बिहार के सभी अंचलों में ऑनलाइन म्युटेशन की सुविधा दी जा रही है. विभाग द्वारा सॉफ्टवेयर और रैयतों को दी जा रही सुविधाओं की समीक्षा कर उनमें कई और खूबियां जोड़ी हैं. ई-म्युटेशन नामक यह सॉफ्टवेयर पहले से अधिक उपयोगी होगा और म्युटेशन में आमलोगों को होनेवाली परेशानियां कम होेंगी.




https://parimarjanplus.bihar.gov.in/BiharBhumiPlus/UserLogin
जमाबंदी के ऑनलाइन उपलब्ध होने की स्थिति में ही दाखिल-खारिज का आवेदन किया जा सकेगा. विक्रेता की जमाबंदी ऑनलाइन उपलब्ध नहीं होने या वांछित रकबा, खाता, खेसरा नहीं होने की स्थिति में विक्रेता के परिमार्जन के माध्यम से अपने नाम से कायम जमाबंदी का सुधार करना होगा. इसके पश्चात ही ऑनलाइन म्युटेशन आवेदन किया जा सकेगा.
नई व्यवस्था में दाखिल-खारिज आवेदनों के डिफेक्ट चेक की सुविधा दी गई है. आवेदन में खाता/खेसरा/रकवा/नाम/जमाबंदी/साक्ष्य से संबंधित अगर कोई त्रुटि पाई जाती है तो अंचल अधिकारी उसे आवेदनकर्ता को ऑनलाइन वापस कर देगा. आवेदक सभी त्रुटियों का निवारण करके उसे पुनः अंचल अधिकारी के पास भेज देगा तब वाद की प्रक्रिया विधिवत प्रारंभ होगी. इस प्रकार अस्वीकृति की संभावना कम हो जाएगी एवं आवेदन में त्रुटि के कारण अस्वीकृत होने पर आवेदक को अपील की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा.

अगर आवेदन में कोई त्रुटि पाई जाती है तो आवेदक को SMS के जरिए सूचित करने का प्रावधान है. आवेदन की प्रगति के हरेक चरण में आवेदनकर्ता को SMS से सूचित किया जाएगा. आवेदक का पक्ष जाने बगैर एवं उनकी सुनवाई के बगैर आवेदन को किसी भी स्थिति में अस्वीकृत नहीं किया जाएगा.
कर्मचारी एवं अधिकारी के प्रतिवेदन को अधिक वस्तुनिष्ठ, व्यापक और जवाबदेह बना दिया गया है. उन्हें अपने मंतव्य/अनुशंसा/निर्णय के समर्थन में साक्ष्य अपलोड करने की सुविधा दी गई है.
आवेदन के साथ सभी साक्ष्यों जैसे खतियान, बंटवारा, लगान-रसीद, वसीका आदि को अलग-अलग अपलोड करने की सुविधा दी गई है. पूर्व में समेकित रूप से एक ही फाइल अपलोड करने का प्रावधान था जिसके कारण राजस्व पदाधिकारियों एवं कर्मियों को सुसंगत साक्ष्य दस्तावेज को ढूंढने में परेशानी होती थी.

डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार हेतु परिमार्जन प्लस पोर्टल को और विस्तार दिया गया है. विगत 6 जून को डिजिटाइजेशन के दौरान जमाबंदी में हुई त्रुटियों एवं मिसिंग इंट्री को ठीक करने के लिए इस पोर्टल को लांच किया गया था. अब डिजिटाइजेशन के दौरान छूटी हुई जमाबंदी को भी ऑनलाइन करने की व्यवस्था की गई है साथ ही क्षतिग्रस्त एवं फटी हुई जमाबंदी को ठीक कर ऑनलाइन करने की व्यवस्था भी नए साफ्टवेयर में की गई है. इसके लिए NIC के सहयोग से साफ्टवेयर में आवश्यक बदलाव किए गए हैं. दोनों प्रकार की त्रुटियों को ठीक करने की जिम्मेदारी अंचल अधिकारियों को दी गई हैं. अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली का भी विस्तार किया जा रहा है. समाहर्ता एवं आयुक्त के राजस्व न्यायालय को भी इस व्यवस्था से जोड़ दिया गया है. अंचल अधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं अपर समाहर्ता की तरह समाहर्ता एवं आयुक्त के न्यायालय के राजस्व संबंधी सभी वाद ऑनलाइन दायर किए जा सकेंगे. कॉज लिस्ट, सुनवाई की तारीख, IA दायर करने एवं पारित आदेश को ऑनलाइन देखने की सुविधा दी गई है.
नई व्यवस्था के तहत समाहर्ता के न्यायालय में जमाबंदी रद्दीकरण अपील, म्युटेशन रिवीजन अपील, भू हदबंदी अपील, भू-दान अपील आदि ऑनलाइन दायर किया जा सकता है। इसी तरह आयुक्त की अदालत में BLDR अपील एवं जमाबंदी रद्दीकरण रिवीजन को ऑनलाइन दायर करने की सुविधा दी गई है.
डॉ जायसवाल ने बताया कि सुधारों की प्रक्रिया को हम आगे भी जारी रखेंगे ताकि आम लोगों को बेहतर राजस्व प्रबंधन प्रणाली उपलब्ध करा सकें.

pncb

By dnv md

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