बिहार की राजनीति में होली से पहले बड़ा सियासी उलटफेर देखने को मिला है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया है और अब वे महागठबंधन का हिस्सा हो गए हैं. हालांकि इसके कयास काफी दिन से लगाए जा रहे थे. लेकिन औपचारिक घोषणा बुधवार को हुई.
राजद नेताओं तेजस्वी यादव, अब्दुल बारी सिद्धिकी, रामचंद्र पूर्वे और भोला यादव की मौजूदगी में जीतन राम मांझी ने एनडीए छोड़कर महागठबंधन ज्वाइंन करने की घोषणा की. इस मौके पर उन्होंने जदयू और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि हम पार्टी के कोर कमेटी के निर्णय के आलोक में महागठबंधन में शामिल होने का फैसला किया है.
वहीं एक अन्य उटलफेर में बिहार कांग्रेस के चार एमएलसी कांग्रेस छोड़कर जदयू में शामिल हो गए. पूर्व मंत्री अशोक चौधरी, दिलीप चौधरी, तनवीर हसन और रामचन्द्र भारती ने उपसभापति से विधान परिषद में अलग गुट के रूप में मान्यता देने की मांग की है.
विधान परिषद, राज्यसभा और बिहार में उपचुनाव के पहले कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है. चुनाव में अशोक चौधरी गुट के सदस्य क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं. अपने आवास पर एक प्रेस कॉनफ्रेन्स में अशोक चौधरी ने कहा कि वे जदयू में शामिल हो रहे हैं.