आखिरकार पिछले कई दिनों से चल रहे हाई वोल्टेज ड्रामे का पटाक्षेप वैसे ही हुआ जैसा नीतीश की इमेज रही है. करप्शन के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति और इस्तीफे देने में सबसे आगे रहने का नीतीश का ट्रैक रिकॉर्ड कायम है. चाहे गैसल ट्रेन दुर्घटना के बाद हो या फिर 2104 में लोकसभा चुनाव के बाद सीएम पद से इस्तीफा हो, नीतीश ने कभी अपनी इमेज से समझौता नहीं किया. यहां तक कि जीतन मांझी, आर एन सिंह और अन्य मंत्रियों से इस्तीफा लेने में भी देर नहीं लगाई.
खैर, बड़ी बात ये कि 4 साल बाद एक बार फिर बिहार में फिर से NDA की सरकार बन रही है. BJP की ओर से सुशील मोदी के डिप्टी सीएम बनने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी और जदयू की ओर से 13-13 विधायक मंत्री बन सकते हैं. इसके अलावा एक सीएम और एक डिप्टी सीएम.
इससे पहले बुधवार शाम नीतीश कुमार को NDA विधायक दल का नेता चुन लिया गया. गुरुवार सुबह 10 बजे नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इससे पहले शाम 5 बजे का समय तय किया गया था. शपथग्रहण में प्रधानमंत्री मोदी के भी भाग लेने की संभावना है.
इधर राजद अध्यक्ष लालू यादव ने नीतीश कुमार को सबसे बड़ा मौकापरस्त करार दिया है. लालू ने कहा कि नीतीश किस मुंह से जनता के मैनडेट के खिलाफ बीजेपी से हाथ मिला रहे हैं. लालू ने इसे जनता के साथ भारी धोखा करार दिया. लालू ने आरोप लगाया कि नीतीश ने बीजेपी से हाथ मिलाकर उनके खिलाफ सारा केस करवाया.