पहले जरा गौर करिए JDU नेता केसी त्यागी के इन बयानों पर जो उन्होंने मंगलवार को दिया-
- “जदयू का जब बीजेपी से गठबंधन था तो जदयू को कभी ऐसी कोई दिक्कत नहीं आई. साथ रहने के दौरान बीजेपी नेताओं ने कभी भी जदयू या नीतीश को इतना असहज नहीं किया.”
- “अगर नीतीश का चरित्र हनन होगा तो फिर गठबंधन कहां बचेगा”
राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को सपोर्ट करने को लेकर आज कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोल दिया. आजाद ने कहा कि नीतीश कुमार अपने राज्य की बेटी मीरा कुमार को ही हराने में लगे हैं.
इसके बाद जदयू तिलमिला गई और केसी त्यागी ने कह दिया- ‘हम पांच साल बिहार गठबंधन चलाना चाहते थे. लेकिन ऐसे बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे. जदयू गुलाम नबी आजाद के गैर दोस्ताना बयान से सहज नहीं है. किसी पार्टी के आला नेता के खिलाफ ऐसा बयान सही नहीं है.’
ये भी पढ़ें-
https://goo.gl/wdp1pQ
पहले तो राजद और जदयू नेताओं के बीच जमकर तू-तू मैं हुई. राजद नेता रघुवंश सिंह और भाई वीरेन्द्र ने नीतीश कुमार को खूब भला-बुरा कहा. बात जब हद से गुजर गई तो जदयू ने लालू से दोनों नेताओं को पार्टी को बाहर करने की मांग कर दी. इसके बाद बैकफुट पर आए राजद ने आनन-फानन में अपने प्रवक्ता अशोक सिन्हा को पद से हटा दिया. और अपने सभी नेताओं को संभलकर बयान देने की चेतावनी दी.
इसका कुछ असर जरूर हुआ. लेकिन इसी बीच शिवानंद तिवारी और गुलाम नबी आजाद ने फिर से सीधे नीतीश को ही निशाने पर ले लिया. अब महागठबंधन पर एक बार फिर टूट का साया नजर आने लगा है. और सारी नजरें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर लगी हैं. लोगों को इंतजार इस बात का है कि क्या नीतीश एक बार फिर बीजेपी के साथ जाएंगे, मध्यावधि चुनाव की अनुशंसा करेंगे या फिर सारी बातें अनसुनी करके यूंही महागठबंधन सरकार चलाते रहेंगे.