होमियोपैथी के डॉक्टर को मिला बिहार रत्न सम्मान

आरा, 3 अगस्त. प्रतिभा किसी जगह या संस्थान की मोहताज नही होती तभी तो गांव के एक कोने से कोई देश का वैज्ञानिक तो कोई देश का मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जैसे पदों तक पहुंचता है. प्रतिभा के इसी सम्मान में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने भी लिखा था -‘नही खिलते कुसुम मात्र राजाओं के उपवन में, अमित बार खिलते वे पुर से दूर कुंज,कानन में.’ ऐसे ही शहर के चकाचौंध से दूर ग्रामीण इलाके से आने वाले एक डॉक्टर को उनकी प्रतिभा के लिए बिहार रत्न से सम्मानित किया गया है, जो न सिर्फ उनके प्रतिभा का सम्मान है बल्कि बिहार के प्रतिभावान मिट्टी को भी सम्मान है जिसके गुदड़ी में पले लाल अपनी प्रतिभा का डंका भारत और बाहर के देशों तक बजा रहे हैं.




चलिए आपकी बेसब्री को खत्म करते हुए बता दें कि बिहार रत्न का यह सम्मान डॉ. एस. के. सिंह को प्राप्त हुआ है. यह सम्मान DARL कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ अरविंद कुमार के हाथों उन्हें प्रदान किया गया. भोजपुर जिले के चर्चित होम्योपैथी डॉक्टर एस.के. सिंह को बिहार होम्यो रत्न सम्मान से सम्मानित होम्योपैथिक दवा बनाने वाली कंपनी DARL के सौजन्य से हाजीपुर में मिला है. यह सम्मान डॉक्टर सिंह को राज्य होम्योपैथी कॉन्फ्रेंस में प्रदान किया गया. डॉक्टर एस. के. सिंह अपने शहर आरा और गडहनी में लंबे समय से सेवा दे रहें हैं और जर्मन होमियो हॉल नाम से अपना क्लिनिक चलाते हैं. उनके इस सम्मान मिलने के बाद उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा है. गड़हनी और आसपास के ग्रामीण में खुशी की लहर है.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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