पटना।। बिहार सरकार ने जाति गणना पर पटना हाईकोर्ट के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. हाईकोर्ट के चार मई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर बिहार सरकार की अपील में कहा गया है कि रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
राज्य सरकार ने कहा कि जाति आधारित डेटा का संग्रह संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक आदेश है. कुछ जिलों में 80 प्रतिशत से अधिक सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है. पूरी मशीनरी जमीनी स्तर पर काम कर रही है. समय अधिक लगने से सर्वेक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
इधर, पटना हाईकोर्ट में अर्जी दायर करने वाले आवेदक अखिलेश कुमार और यूथ फॉर इक्वलिटी की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर किया है. बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने चार मई के अपने आदेश में राज्य सरकार को जातीय गणना तत्काल बंद करने का निर्देश दिया था. मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन जुलाई की तारीख तय की थी. बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट में मामले की जल्द सुनवाई की याचिका दायर की थी जिसे पटना हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब देखना है कि बिहार सरकार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती है या नहीं.
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