शासन की सभी प्रणालियों में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली सबसे अनुपम है. भगवान बुद्ध भी लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की प्रशंसा करते थे. वे वैशाली के प्रथम लोकतांत्रिक गणराज्य से काफी स्नेह रखते थे. राजगीर में विश्व शांति स्तूप के 48वें वर्षगांठ समारोह में भाग लेने पहुंचे बिहार के गवर्नर सत्यपाल मल्लिक ने कहा कि भारत का संविधान भी भगवान बुद्ध के इसी आदर्श पर आधारित है. भगवान बुद्ध के संदेश पहले की अपेक्षा अब और ज्यादा उपयोगी एवं प्रसांगिक हो गए हैं. विश्व में शांति सद्भाव प्रेम एवं भाईचारे पर आधारित समाज के निर्माण के लिए भगवान बुद्ध के बताए मार्ग पर चलना बेहद जरूरी है. राज्यपाल सत्यपाल मल्लिक ने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेशों का सम्राट अशोक ने अनुकरण किया एवं सदाचरण तथा अहिंसा पर आधारित शासन प्रणाली की स्थापना कर पूरे विश्व के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया.
राज्यपाल ने कहा कि बौद्ध धर्म के लिए राजगीर एक महत्वपूर्ण स्थल है. भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम चातुर्मास यही बिताया था. ये भगवान बुद्ध की प्रिय स्थली रही है. बौद्ध धर्म की प्रथम संगीति भी यही हुई थी जिसमें बौद्ध धर्म एवं दर्शन पर विशेष चर्चा हुई थी. उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने कर्म पर विशेष बल दिया था. उन्होंने स्व अनुशासन एवं बुद्धिवादी चिंतन के लिए लोगों को प्रेरित किया था. आज के समय में भगवान बुद्ध के बताए राह पर चलना भाई बेहद जरूरी हो गया है.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि राज्य सरकार बुद्धिस्ट सर्किट के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है. पर्यटन के क्षेत्र में अधिक से अधिक विकास के लिए काम किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म एवं दर्शन एक व्यवहारिक दर्शन है. इस अवसर पर ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार, विधायक रवि ज्योति एवं चंद्रसेन प्रसाद , राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, नालंदा के डीएम डॉक्टर त्यागराजन एस एम, पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरीका, अनुमंडल पदाधिकारी ज्योति नाथ शाहदेव जापान एवं अन्य देशों से आए बौद्ध प्रतिनिधि एवं बुद्ध धर्म से संबंधित अन्य लोग आदि उपस्थित थे.