राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए बने साॅफ्टवेयर में सुधार किया गया है. साथ ही जमाबंदी देखने में हो रही परेशानी को भी दूर कर लिया गया है. इसके अलावा आनलाइन सेवाएं देने के लिए बनाए गए वेबसाइट http://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/ को नए कलेवर और नए डिजाइन के साथ प्रस्तुत किया गया है.
इन सारी खूबियों के साथ इसे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार द्वारा अपने कार्यालय कक्ष में डिजिटली लांच किया गया.
2017 में आनलाइन दाखिल-खारिज सेवा की शुरुआत के साथ ही इस साॅफ्टवेयर में कई तरह के परिवर्तनों को जरुरत महसूस की जा रही थी. वेबसाइट के धीमी रफ्तार से काम करने और म्यूटेशन के दस्तावेजों कीे अपलोडिंग में अनावश्यक देरी होने की शिकायत रहती थी. आवेदन को ट्रैक करने में भी काफी विलंब होता था. स्क्रीन को भी और अधिक वाइब्रेंट बनाने की आवश्यकता थी. एनआईसी ने इन सभी दिक्कतों को चुनौती के तौर पर लिया और साॅफ्टवेयर में सभी आवश्यक सुधार कर दिया.
ऑनलाइन दाखिल-खारिज के लिए साॅफ्टवेयर बनाने से लेकर उसके रख-रखाव का काम देखने वाली भारत सरकार की एजेंसी nic के राज्य सूचना विज्ञान पदाधिकारी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शुरू में इस साॅफ्टवेयर को झारखंड से लिया गया था किंतु धीरे -धीरे उसमें बिहार की जरुरतों के हिसाब से आवश्यक संशोधन किया गया और उसे परिष्कृत कर दिया गया है. अर्थात अब इसे पूरी तरह से राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के लिए कस्टमाइज्ड कर दिया गया है. http://biharbhumi.bihar.gov.in/Biharbhumi/
वेबसाइट को नए रुप में लांच करते हुए विभाग के मंत्री रामसूरत कुमार ने कहा कि दाखिल-खारिज राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सबसे महत्वपूर्ण सेवा है, जो हम राज्य के आम नागरिकों को उपलब्ध करा रहे हैं. इस सेवा की कार्य कुशलता और उपादेयता बढ़ने से निश्चित रुप से विभाग के प्रति लोगों की अच्छी धारणा बनेगी. वेबसाइट की दिक्कतों को दूर करने के साथ ही अब इसे मोबाइल से इस्तेमाल करने लायक भी बना दिया गया है. अर्थात अब आसानी से कोई भी रैयत अपने मोबाइल से आवेदन कर सकता है और अपने काम की प्रगति को अपने फोन के जरिए पता कर सकता है.
विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने कहा कि आज के काम-काज का मूल मंत्र है. हमारी सफलता इसी में है कि आम जनता का काम बगैर किसी परेशानी और भाग-दौर के हो जाए. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की यह कोशिश इसी दिशा में एक अहम प्रयास है. हम आगे भी अपने अनुभवों से सीखेंगे और विभाग को और बनाने की कोशिश जारी रखेंगे.
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