छुड़ाने के लिए बिहार सरकार भेजेगी टीम, परिजनों से मांगे गए थे रुपये
नाबालिग बच्चों को छोड़ने के लिए परिजनों से 1,20,000 रुपये की मांग
वापस लाने के लिए पुलिस टीम गठित
सकुशल होगी बच्चों की घर वापसी
कैसे भेजे गए बच्चे सरकार करेगी जांच
मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि बाल श्रम अपराध है. इसकी अवहेलना करने वाले दंड के भागी हैं. ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता शेखपुरा जिले के अरियरी प्रखंड स्थित पानापुर ग्राम के गरीब परिवार के बच्चों को सकुशल घर वापसी कराया जाएगा.शेखपुरा के अरियारी प्रखंड स्थित पानापुर ग्राम के 11 नाबालिग बच्चों को कश्मीर में बंधक बनाया गया है. बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग के मंत्री सुरेंद्र राम ने बच्चों को मुक्त कराने के लिए आदेश दिया है. सुरेंद्र राम ने कहा कि किसी भी नाबालिग से जबरन काम कराना गैर कानूनी और अनुचित है.
शेखपुरा जिले के सभी 11 बच्चों को काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के रास्ते कश्मीर ले जाया गया. यहां उन्हें बंधक बनाकर अब 9682589578 से फोन कर नाबालिग बच्चों को छोड़ने के लिए परिजनों से 1,20,000 रुपये की मांग की गई. मंत्री को इसकी जानकारी मिली. इसके बाद उन्होंने विभागीय स्तर पर त्वरित कार्रवाई करने का आदेश दिया. बुधवार को श्रम संसाधन विभाग की ओर से इस बारे में रिलीज जारी कर जानकारी दी गई है.
मंत्री सुरेंद्र राम ने बताया कि सूचना मिलने के बाद उन्होंने शेखपुरा जिले के श्रम अधीक्षक, जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और विभाग के अन्य अधिकारियों को इस मामले में उचित कार्रवाई करते हुए सभी 11 बच्चों को सकुशल रिहाई का निर्देश दिया है. इस संबंध में मंत्री ने संयुक्त श्रमायुक्त, बिहार भवन, नई दिल्ली और संत नगर, जम्मू-कश्मीर, सेक्टर- 26 के संबंधित अधिकारियों से भी संपर्क स्थापित कर नाबालिग बच्चों को मुक्त कराने का आग्रह किया है. इस आलोक में शेखपुरा के जिलाधिकारी ने एक पुलिस टीम का गठन किया है. टीम जम्मू-कश्मीर से सभी 11 नाबालिग बच्चों को मुक्त कराएगी.
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