नया हरिपुर गांव निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर चन्द्र भूषण सिन्हा की हैं बहू
कोइलवर प्रखण्ड स्थित नया हरिपुर है ससुराल
शाहाबाद जनपद समेत बिहार के लोगों को उम्मीद है कि रेलवे के विकास की रौशनी उनके शहर तक पहुंचेगी
भारतीय रेलवे सेवा में 1988 बैच की अधिकारी हैं जया वर्मा सिन्हा
नीरज सिन्हा भी है आईपीएस अधिकारी
पने गांव की बहू जया के रेलवे के शीर्ष स्थान पर पहुंचने की खुशी में प्रसाद चढ़ाए
डॉ. सुरेन्द्र सागर
भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ के पद पर महिला अधिकारी के रूप में जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति से भोजपुर में खुशी की लहर है. करीब 105 सालों के रेलवे के इतिहास में रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष और सीईओ बनी जया वर्मा सिन्हा भोजपुर जिले के कोइलवर प्रखण्ड स्थित हरिपुर गांव की बहू हैं.
भारतीय रेलवे में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर रेलवे के स्वर्णिम अध्याय को आगे बढ़ाने वाली जया वर्मा सिन्हा अब रेलवे बोर्ड के शीर्ष स्थान पर पहुंच गई हैं. भोजपुर जिले के नया हरिपुर गांव निवासी रिटायर्ड प्रोफेसर चन्द्र भूषण सिन्हा की बहू के भारतीय रेलवे का पहला महिला अध्यक्ष बनने का गौरव हासिल हुआ तो उनके गांव,प्रखण्ड और पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई. चंदा पंचायत के गांव हरिपुर में तो जश्न का माहौल है.
रेलवे बोर्ड की नई अध्यक्ष जया के पति और प्रोफेसर चंद्रभूषण सिन्हा के पुत्र नीरज सिन्हा भी आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल पटना में पुलिस महानिदेशक,नागरिक सुरक्षा के पद पर तैनात हैं. भारतीय रेलवे सेवा में 1988 बैच की अधिकारी जया वर्मा सिन्हा के पति नीरज सिन्हा भी उनके साथ आईआरएस में ही चयनित हुए थे और एक साथ प्रशिक्षण भी लिया था लेकिन उन्होंने फिर से परीक्षा दी तो उसमें भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हो गया और बिहार कैडर के तहत वे बिहार में नियुक्त हुए.
कॉपरेटिव कॉलेज जमशेदपुर से अवकाश ग्रहण करने के बाद प्रोफेसर चंद्रभूषण सिन्हा अपनी बहू और परिवार के साथ दिल्ली में ही रहते हैं.उनका जुड़ाव जमशेदपुर के साकेत विहार कॉलोनी से भी है जहां वे प्रोफेसर के पद पर कार्य करने के दौरान रहा करते थे. भोजपुर जिले के हरिपुर गांव के ग्रामीणों को जैसे ही जया के रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ बनने की जानकारी मिली वे एक दूसरे के साथ खुशियों को शेयर करने लगे.किसी ने मिठाई बंटवाई तो किसी ने डीजे बजवाया.गांव के मंदिरों में भी लोगों ने पूजा अर्चना की और अपने गांव की बहू जया के रेलवे के शीर्ष स्थान पर पहुंचने की खुशी में प्रसाद चढ़ाए और गांव वालों को बांटा.
हाल ही में रेलवे बोर्ड की सदस्य रहते जया ने आरा रेलवे स्टेशन का विंडो सर्वे किया था तब किसी को पता नही था कि जल्द ही वे भारतीय रेलवे की शीर्ष अधिकारी बन जाएंगी. भोजपुर की धरती से जुड़ी रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया से आरा और शाहाबाद जनपद समेत बिहार के लोगों को उम्मीद है कि रेलवे के विकास की रौशनी उनके शहर तक पहुंचेगी और रेलवे के सम्पूर्ण एवं सर्वांगीण विकास में उन्हें उनका उचित अधिकार मिलेगा. जया वर्मा सिन्हा का मायके प्रयागराज में है और उनकी प्रारंभिक और उच्च शिक्षा भी प्रयागराज से हुई है.नीरज सिन्हा से शादी के बाद वे कई बार अपने ससुराल हरिपुर आई हैं और ससुराल स्थित इस गांव से उनका काफी लगाव रहा है. ग्रामीण बताते हैं कि वे जब भी ससुराल आई हैं यहां के लोगों से मिलना जुलना रहा है और उनका ग्रामीणों के साथ का अपनापन गांव वालों को हमेशा उनके साथ जोड़ कर रखता है.