अश्लील और जाति सूचक गायकों पर होगी सख्त कार्रवाई !

अश्लील और जाति सूचक शब्दों पर गीतों को ले प्रशासन सजग




पकड़े जाए ऐसे गायक व गीतकार, पुलिस मुख्यालय ने जारी किया फरमान

आरा, 17 फरवरी. भोजपुरी सिंगर सावधान! अपनी ओछी लोकप्रियता के लिए अश्लील, जाति सूचक और महिला अस्मिता पर प्रहार कर पॉपुलर होने की चाह रखने वाले गायकों के लिए बुरी ख़बर है वही भोजपुरी के लिए अच्छी ख़बर है. जी हाँ भोजपुरी गीतों में अश्लीलता और जाति सूचक शब्दों से गन्ध मचाने वालों पर प्रशासन ने संज्ञान लिया है. इसके तहत ऐसे गायकों, इसे लिखने वालों और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है. ऐसा करने वालों पर प्रशासन ऐसे लोगों या तत्वों पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए मूड बना चुकी है.

मुख्यालय द्वारा वर्तमान में जारी अध्यादेश

अश्लील, जाति सूचक और महिला अस्मिता पर प्रहार करने वालों पर प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए एक अध्यादेश जारी किया है. यह अध्यादेश पुलिस मुख्यालय ने जारी किया है. जारी अध्यादेश सभी जिला अधिकारियों, पुलिस अधीक्षक और वरीय पुलिस अधीक्षकों को भेजा गया है. साथ ही सभी क्षेत्रीय निरीक्षक और महानिरीक्षकों को भी सूचनार्थ भेजा गया है. जारी अध्यादेश के मिलने के बाद भोजपुर SP ने जिले के सभी लोगों से इस पर ध्यान देने और अक्षरशः इसे पालन करने का अपील किया है. आदेश का उलंघन करने वालों पर कानून का डंडा कभी भी चल सकता है.

SP भोजपुर की अपील :

भोजपुर SP : प्रमोद कुमार यादव

सभी को अवगत कराना है कि विशेष शाखा के द्वारा एक पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें इस बात का उल्लेख किया गया है कि हाल में कुछ भोजपुरी गाने अश्लील प्रकृति के हैं और इसमें कुछ गानों में जातिसूचक शब्दों का वर्णन है जिसके वजह से कई बार इन गानों के किसी विशेष आयोजन के समय बजाए जाने के उपरांत स्थानीय लोगों में आपस में तनाव उत्पन्न होता है अतः सभी जिला पदाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को यह निर्देशित किया गया है कि सभी अवर पदाधिकारियों के माध्यम से ऐसे गानों पर सख्ती बरतनी है और ऐसे अश्लील गानों को बजाने वालों और सोशल मीडिया पर अपलोड करने वालों या ऐसे गानों के माध्यम से सामाजिक तनाव उत्पन्न करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ विधि संगत कार्रवाई करने का निर्देश प्राप्त है इस आलोक में सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और थानाध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारियों को विधि सम्मत कार्यवाही हेतु निर्देशित कर दिया गया है और मीडिया के माध्यम से भी अनुरोध है कि आमजन ऐसे अश्लील और विवाद उत्पन्न करने वाले गानों को बजाने से और किसी भी सोशल मीडिया पर अपलोड करने से बचें.

कुछ ऐसे अश्लील पोस्टरों और वीडियो से भरा पड़ा है यू ट्यूब

बताते चलें कि इसके लिए पूर्व में भी कई अभियान चला जिसमें अम्बा(amba) (अश्लीलता मुक्त भोजपुरी असोसिएशन) का बहुत बड़ा योगदान रहा है.

अम्बा द्वारा पोस्टर के जरिये भोजपुरी के लिए जागरूकता (फ़ाइल फ़ोटो)
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0Hf4n1ktHFfpUxNtc18pTzUafotnAxYbAbcREPDDPT1ccaTD29CFPHf1wHCzWKLYgl&id=815635815182249&mibextid=Nif5oz

2014 में अम्बा ने अश्लीलता मुक्त भोजपुर करने का अभियान चलाया था जिसमें प्रशासन के सहयोग से जिले के सभी थाना क्षेत्रों में 10 बजे बाद रात में डीजे पर रोक लगा दी गयी थी साथ ही अश्लील गीतों पर लगाम लगाने के लिए कई DJ संचालकों को उस समय के तत्कालीन SP नवीन चन्द्र झा ने पकड़ा भी था जिसके बाद भोजपुर में ऑटो में भी अश्लील गाना बजना बन्द हो गया था.

अम्बा द्वारा लगाया गया पूर्व में कई जगह जागरूकता के लिए बैनर (फ़ाइल फ़ोटो)

लगातार शिकायत के बाद एक्टिव पुलिस की कार्रवाई ने अश्लील गायकों के मन मे एक डर जरूर पैदा कर रखा था. यहाँ तक कि भोजपुरी के अश्लील गायक खेसारी लाल का प्रोग्राम तक प्रशासन ने रद्द कर दिया था.

SDO द्वारा अश्लील गायक के प्रोग्राम को रद्द करने का 2018 का आदेश(फ़ाइल फ़ोटो)

इसी कड़ी में हाई कोर्ट का भी जब अश्लील गायकों पर कार्रवाई का आदेश जारी हुआ तो लगा कि अश्लीलता जड़ से समाप्त जो जाएगी लेकिन इस दिशा में प्रशासनिक शिथिलता ने एक बार फिर अश्लीलता के साथ जाति सूचक शब्दों का गीतों में प्रचलन बढ़ा दिया यहां तक कि महिला अस्मिता पर भी गीतों के माध्यम से प्रहार ने सामाजिक विद्वेषता का बीज बो दिया. ऐसे में कई अप्रिय घटनाओं, मारपीट और भोजपुरी को लगातार अश्लीलता का पर्याय बनने के बाद एक बार फिर से प्रशासन ने भोजपुरी को शर्मसार करने वालों के खिलाफ कमर कस लिया है. देखना यह है कि इस बार के इस प्रशासनिक तैयारी में कितने लोगों पर कानून का चाबुक चलता है.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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