15 दिन बाद भी रेलवे मौन, तो कलाकरों ने भी बांधी काली पट्टी, किया मौन प्रदर्शन
रेलवे प्रबंधक के सामने कलाकारों ने किया प्रदर्शन
आरा,15 जून. 14 दिन से चित्रों की रंगबिरंगी मनमोहकता से आने जाने वालों का मन मोहने वाले चित्रकारों ने 15वें दिन सब्र का बांध टूटता दिखा. अपनी कलात्मकता को रोक भोजपुरी पेंटिंग के सम्मान के लिए स्टेशन प्रबंधक के कक्ष के सामने मौन प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया. इससे यह साफ हो गया है कि कलाकारों ने इस बार आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है. बार-बार भोजपुरी भाषी और इस क्षेत्र के कलात्मक विकास को नजरअंदाज किया गया है. इसी का यह परिणाम है कि 25 करोड़ की आबादी तक अपनी पहुँच रखने के बाद भी भोजपुरिया अपने सांस्कृतिक और साहित्यिक लड़ाई में आज भी हाशिये पर हैं. कलाकारों का तेवर आज कुछ बदला दिखा. इसके बावजूद भी वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते दिखे.
प्रदर्शन भोजपुरी चित्रकला को सम्मान दिलाने के लिए भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा द्वारा किया गया. कलाकारों ने मुँह पर काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया. लगभग 3 घंटो के प्रदर्शन के उपरांत मोर्चा के चित्रकारों, कलाकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा अपनी माँगों का ज्ञापन स्टेशन प्रबंधक को सौंपा गया. मोर्चा की प्रमुख माँगों में भोजपुरी भाषी क्षेत्रों के सभी रेलवे स्टेशनों एवं मुख्य रूप से आरा रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला के सशुल्क अंकन हेतु अवसर देना है.
भोजपुरी कला संरक्षण मोर्चा विगत 15 दिनों से भोजपुरी पेंटिंग को रेलवे स्टेशनो पर जगह देने के लिए विभिन्न सकारात्मक गतिविधियों के माध्यम से पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन से अनुरोध कर रहा है. मोर्चा से जुड़े कलाकर स्टेशन परिसर ,छाते,चेहरे,बैग और रंगोली बनाकर शांतिपूर्ण कलात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि भोजपुरीभाषी क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाले सभी रेलवे स्टेशनों एवं मुख्य रूप से आरा रेलवे स्टेशन पर भोजपुरी चित्रकला को सशुल्क अंकित करने का अवसर मिले. इससे न केवल एक पारंपरिक कला को जीवन मिलेगा बल्कि इस चित्रकला से जुड़े चित्रकारों को रोजगार की भी प्राप्ति होगी.
लेकिन 14 दिनों से अपने कलात्मक विरोध के बाद 15वें दिन सोमवार को कलाकारों ने रेलवे प्रशासन द्वारा अभीतक कोई लिखित आश्वासन नही मिलने के कारण मुँह पर काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन किया. अपने इस विरोध प्रदर्शन के किये चित्रकारों व कलाकारों ने रविवार को ही रेलवे प्रशासन को सूचना दे दी थी. प्रदर्शन करने वालों में अशोक मानव,भास्कर मिश्र,कमलेश कुंदन, विजय मेहता,रौशन राय,मनोज श्रीवास्तव,संजय कुमार सिंह, रूपा कुमारी, प्रशंसा पटेल, रुखसार परवीन, रतन देवा, किशन सिंह, कमल कांत, युवा चित्रांश वाहिनी के सचिन सिन्हा, चंदन शरण आदि प्रमुख थे.इस अवसर पर कृष्णेन्दु,राजेश तिवारी,धर्मेंद्र कुमार सिंह, संतोष कुमार आदि उपस्थित थे. कलाकारों के इस मांग का समर्थन प्रदेश कार्य समिति, भाजपा के सदस्य एवं रेलवे जोनल उपभोगता परामर्शदाता समिति के सदस्य श्री सी.डी. शर्मा ने भी किया है. उन्होंने कहा कि भोजपुरी पेंटिंग को भोजपुरिया क्षेत्र में सम्मान मिलना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि वे DRM दानापुर के इस तथ्य को प्रभावी ढंग से रखेंगे.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट