भोजपुरी में स्नातक डिग्री और पीएचडी सीटों के लिए शुरू हुई कवायद
कुलपति से मिले पूर्ववर्ती छात्र संघ के प्रतिनिधि
आरा,7 सितंबर. भोजपुरी भाषा में उच्च शिक्षा हासिल करने की चाह रखने वालों के लिए यह सुखद खबर है कि वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में शीघ्र ही स्नातक डिग्री, सामान्य और सब्सिडियरी हर स्तरों पर पढ़ाई शुरू होगी. साथ ही पीएचडी सत्र 2020 में भोजपुरी के लिए रिक्तियाँ शून्य किये जाने का गतिरोध भी समाप्त हो गया है. पूर्ववर्ती छात्र संघ का एक द्विसदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज कुलपति प्रो शैलेन्द्र कुमार चतुर्वेदी से मिला.
प्रतिनिधिमंडल में शोधछात्र रवि प्रकाश सूरज तथा विभाग प्रमुख सोहित सिन्हा शामिल थे. ज्ञात हो कि पीएचडी में रिक्तियाँ शून्य किये जाने को लेकर विगत 11 अगस्त से ही छात्रसंघ आंदोलन कर रहा था जिसे पूरे भोजपुरी समाज का समर्थन प्राप्त था. मुलाकात के दौरान कुलपति ने पूरे मामले को विस्तार से सुना और बताया कि पीएचडी में सभी नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा तथा भोजपुरी की पढ़ाई में किसी स्तर पर कोई बाधा आने नहीं दी जाएगी. छात्र प्रतिनिधियों ने कुलपति को एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें हर जिले के कम से कम एक अंगीभूत कॉलेजों में भोजपुरी की पढ़ाई शुरू करने का अनुरोध था. वार्ता के दौरान उपस्थित प्रो वीसी प्रो सी एस चौधरी ने जानकारी दी कि अकादमिक कौंसिल की पिछली बैठक में भोजपुरी विभागाध्यक्ष प्रो दिवाकर पांडेय ने इस मुद्दे को उठाया था उसके बाद स्नातक के लिए भोजपुरी विषय के सिलेबस बनाने की जिम्मेदारी प्रो पांडेय को सौंपी गई है. कुलपति ने कहा कि सिलेबस के अनुमोदन होने के तुरंत बाद ही अंगीभूत कॉलेजों में इसकी पढ़ाई चालू हो जाएगी. कुलपति ने भरोसा दिलाया कि वे राजभवन से भी सहमति ले लेंगे. पूर्ववर्ती छात्र संघ ने भोजपुरी विभाग स्थापना दिवस में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति को आमंत्रित किया जिसे कुलपति ने सहर्ष स्वीकार कर लिया. संयोजक स्यंदन सुमन ने बताया कि 9 तारीख को अवकाश के चलते समारोह की तिथि आगे कर दी गई है. कुलपति महोदय के शेड्यूल को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही नई तिथि की घोषणा होगी.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट