PATNANOW EXCLUSIVE
आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में भोजपुरी भाषा की पढ़ाई बंद होने के बाद लोगों का गुस्सा उबाल पर है. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में विश्व का एकमात्र और पहला भोजपुरी विभाग था. लेकिन राजभवन के आदेश के बाद ना सिर्फ इस भाषा की पढ़ाई पर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं बल्कि भोजपुरी विभाग से जुड़े छात्रों का भविष्य भी अधर में है. पटना नाउ लगातार इस खबर पर नजर रखे हुए हैं. ना सिर्फ हमारे रिपोर्टर बल्कि आम लोग भी लगातार इसे लेकर पटना नाउ से संपर्क साथ रहे हैं और इससे जुड़ी जानकारी हमारे सामने ला रहे हैं. इस सारी कवायद का असर ये हुआ कि अब भोजपुरी विभाग के फिर से शुरू करने की कोशिश शुरू हो गई है. इस बीच आपके अपने न्यूज पोर्टल पटना नाउ ने ये जानने का प्रयास किया कि आखिर क्यों बंद हो गई वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में भोजपुरी भाषा की पढ़ाई. क्या कारण रहे या कौन से वे लोग रहे जिनकी गैर जिम्मेदारी से भोजपुरी की पढ़ाई पर ही आफत आ गई.
यूनिवर्सिटी जाने से पहले भी हमारे आरा प्रतिनिधि ने कई लोगों से बात की, जिसमें नाम नहीं छापने की शर्त पर कई जानकारियां मिली. जानकारी ये भी मिली कि भोजपुरी विभाग की कक्षाएं नियमित नहीं होती थीं. छात्रों को नोट्स से पढ़ाया जाता था, जिसके लिए अच्छी खासी रकम भी वसूली जाती थी. लेकिन वर्ष 2014 में विभाग की कमान संभालने वाले प्रोफेसर नीरज ने सबसे पहले अटेंडेंस और क्लास अनिवार्य कर दिया. इसके बाद पीजी की पढ़ाई भी सेमेस्टर वाइज होने लगी. इसका नतीजा ये हुआ कि कई लोगों की कमाई का खेल बंद हो गया और छात्रों के लिए भी यहां से डिग्री लेना टफ हो गया. प्रोफेसर नीरज सिंह कहना है कि छात्रों और शिक्षकों को समय पर कॉलेज आने का आदेश जारी करना उनके लिए मुसीबत बन गया और अब भोजपुरी की पढ़ाई बंद होने के लिए उन्हें भी जिम्मेवार ठहरया जा रहा है.