आरा सांसद राजकुमार सिंह ने कहा है कि भोजपुरी की पढ़ाई सुचारू रुप से हो, ये मेरी भी प्राथमिकता है. इसके साथ ही भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कराना मेरी प्रतिज्ञा है. आरा सांसद बुधवार को आरा सर्किट हाउस में पत्रकारों और स्थानीय लोगों से बात कर रहे थे.बता दें कि वीर कुंवर सिंह विवि में भोजपुरी की पढ़ाई बंद कर दी गई है. इसके बाद आरा समेत सभी भोजपुरी भाषी इलाकों में लोगों में जबरदस्त नाराजगी है. एक ओर जहां इसकी पढ़ाई फिर से शुरू करने की मांग हो रही है वहीं भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करनें की मांग भी जोर पकड़ रही है.
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में भोजपुरी की स्नातोकोत्तर और पीएचडी की पढ़ाई बंद होने के बाद पूरे देश ही नहीं बल्कि विदेशों में मचे हाहाकार के बाद आज अम्बा(अश्लीलता मुक्त अस्सोसिएशन) से जुड़े लोगों ने भोजपुर की जनता की ओर से सांसद आर के सिंह को भोजपुरी भाषा बचाने के लिए एक पत्र दिया जिसमें उन्होंने भोजपुरी के लिए राजभवन द्वारा सौतेला व्यवहार कर इसे बंद करने वाले तुगलकी फरमान का जिक्र किया। बताते चलें कि सांसद महोदय ने 2014 में भोजपुरी की मान्यता के लिए तत्कालीन शिक्षा मंत्री वृषण पटेल को 10 दिसंबर 2014 को एक पत्र (Dy.no.- RKS/MP/ 19p/ara/43/14)भेजा था. ज्ञापन में अम्बा के लोगों ने इस पत्र का भी सांसद को स्मार दिलाया था लेकिन सांसद के इस पत्रीय सिफारिश के बावजूद भी बात ढाक के तीन पात हो गयी. भोजपुरी अपने ही प्रदेश में पस्त हो गयी, लेकिन सांसद आर के सिंह ने भोजपुरी का नाम सुनते ही उपस्थित सभी लोगों के सामने ही कहा कि आप सभी ध्यान से सुन लीजिये-” भोजपुरी विषय में स्नातक प्रतिष्ठा की पढ़ाई शुरू कराने के साथ साथ इसे आठवी अनुसूची में शामिल करने को मैं कृत संकल्पित हूँ। इसे हर हाल में पूरा करूँगा।” उन्होंने ये भी कहा कि जब भोजपुरी की पढ़ाई ही नहीं होगी तो उसे 8वीं अनुसूची में शामिल कैसे किया जायेगा.