बॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस कुमकुम जिन्होंने अपनी नृत्य प्रतिभा और अभिनय के दम पर करोड़ों दर्शकों के दिलों पर राज किया, उन्होंने कल 86 वर्ष की उम्र में इस संसार से कल विदाई ली.
बिहार से रहा गहरा नाता
कुमकुम का वास्तविक नाम जैबुन्निसा था और इनका बिहार के शेखपुरा से गहरा नाता था. दरअसल वे हुसैनाबाद के नवाब मंजूर हसन खान की बेटी थी और इनका जन्म भी हुसैनाबाद में 22 अप्रैल, 1934 को हुआ था. हालांकि ये जन्म के कुछ सालों बाद ही मुंबई चली गई पर गाँव से नाता बना रहा और हवेली की मरम्मत तथा गाँव की मदद के लिए पैसे भी भेजती थी. आज भी हुसैनाबाद में इनके रिश्तेदार रहते हैं.
पहली भोजपुरी फ़िल्म में किया था शानदार अभिनय
इनके कैरियर की शुरुआत ‘शीशा’ फ़िल्म से 1952 में हुई लेकिन प्रसिद्धि इनको तब मिली ज गुरुदत्त ने ‘कभी आर कभी पार’ (1953) गाने को शूट करने के लिए इनको चुना. उसके बाद से इन्होंने अपने नृत्य और अभिनय के बल पर 115 फिल्मों जितने लंबे कैरियर में वर्षों तक दर्शकों की पसन्द बनी रही.
1963 में बनी पहली भोजपुरी फ़िल्म ‘गंगा मईया तोहे पियरी चढ़इबो’ में इन्होंने जो शानदार अभिनय किया वह आज भी लोग भूल नहीं पाते. उनका अभिनय इतना सशक्त रहा कि इसी साल एक और भोजपुरी फ़िल्म ‘लागी नाहीं छूटे रामा’ भी इन्हीं के हिस्से में आई.
नृत्य की शिक्षा इन्होंने पंडित शम्भू महाराज से ली थी. ‘मधुबन में राधिका’ (कोहिनूर), ‘मचलती हुई’ (गंगा की लहरें), ‘ऐ दिल है मुश्किल’ (सी आई डी) आदि गीतों पर उनका अभिनय बहुत चर्चित रहा था. ‘मदर इंडिया’, गुरुदत्त की ‘सी आई डी’, ‘प्यासा’, रामानंद सागर की ‘आँखें’ ‘ललकार’, किशोर कुमार के साथ इनकी हिट जोड़ी में बनी फिल्में ‘मि एक्स इन बॉम्बे’, ‘श्रीमान फंटूश’ और किरण कुमार के साथ ‘जलते बदन’ इनके कैरियर की कुछ सर्वश्रेष्ठ फिल्में थी. 115 फिल्मों में काम करने के बाद निर्देशक सज्जाद अकबर खान के साथ शादी करके इन्होंने फिल्मी कैरियर को अलविदा कह दिया था. इन्हें फ़िल्मफ़ेअर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस पुरस्कार के लिए भी नॉमिनेट किया गया था. इनकी बहन राधिका भी बॉलीवुड की अभिनेत्री रही हैं, इसके अलावा इनके बेटे हादी अबरार खान चर्चित फिल्म निर्देशक हैं. एक्टर गोविंदा इनके भतीजे हैं.
पटना नाउ ब्यूरो