भोजपुरी के मशहूर अभिनेता-निर्देशक ‘बेलू’ के पिताजी ने दुनिया को अलविदा कहा

By om prakash pandey Jan 6, 2020

नही रहे ‘बेलू’ के पिता कृष्णदेव प्रसाद, चरित्रवन में हुआ दाह-संस्कार




आरा,6 जनवरी. भोजपुरी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता व निर्देशक विष्णु शंकर बेलू के पिताजी कृष्ण देव प्रसाद का निधन 4 जनवरी के शाम में हो गया. वे 74 वर्ष के थे. कुछ दिनों से उनकी तबियत नासाज थी जिसका इलाज चल रहा था. हालांकि वे शारीरिक तौर पर बहुत ही फिट थे. उनका अंतिम संस्कार 5 जनवरी को आरा से बक्सर चरित्रवन में किया गया और स्नान-दान रामरेखा घाट पर किया गया, जिसमें भोजपुरी के कई जाने-माने लोग शामिल हुए.

1946 में आरा में जन्में कृष्ण देव प्रसाद ने जैन स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा और फिर बाद में महाराजा कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की थी. वे स्कूली दिनों में NCC के कैडेट भी रहे और स्कूल के सांस्कृतिक झांकियों में हिस्सा लेते थे.


सरकारी नौकरी के कई अवसर मिलने के बाद भी अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र होने की वजह से इन्हें बाहर जाने का बिल्कुल अवसर नही मिला और इन्होंने व्यवसाय को माध्यम बनाते हुए अपने कठिन परिश्रम से अपनी एक ख़ास पहचान बनाई. महादेवा रोड स्थित अपने घर मे ही इन्होंने मिठाई की दुकान खोली और मिठाइयों की अपनी विशेष स्वाद की वजह से शहर के चर्चित दुकानों में पहचान बनाई.

वे ईश्वर में अटूट आस्था रखते थे प्रतिदिन घंटो पूजा करते थे. महादेवा स्थित बुढ़वा महादेव की हर रोज लगभग ये पूजा और दर्शन करते थे. घूमना इन्हें बेहद पसंद था और अपने शहर आरा से विशेष लगाव भी. वे अपने पीछे 1 बेटा(विष्णु शंकर बेलू) और 5 बेटियों का लंबा परिवार छोड़ गए हैं. इनकी छह सन्तानो में बेलू पाँचवी सन्तान है. उनकी चार बहने उनसे बड़ी और एक छोटी है. उन्होंने अपने सभी सन्तानो की शादी विवाह करा अपना दायित्व बहुत पहले ही पूरा कर लिया था.

अपने शहर से लगाव की वजह से वे अपने इकलौते बेटे के पास भी महीना दिन से ज्यादा नही रह पाते थे. वे फ़िल्मो के बड़े शौकीन थे. पुरानी शायद ही कोई चर्चित फ़िल्म इनसे छूटी हो. नायक राजेश खन्ना ,संजीव कुमार, नायिका जया बहादुरी कॉमेडियन राजेन्द्र नाथ व गायक मो. रफी के बड़े प्रशंसक थे. दोस्ती, मदर इंडिया, रोटी,गाइड इनकी पसंदीदा फिल्मे थी. वे अपने बेटे से अक्सर उसकी आने वाली फिल्मों के बारे में अपडेट लिया करते थे. विष्णु शंकर की माने तो वे पिता के साथ एक अच्छे दोस्त थे. वे दोनों देश के कई धार्मिक स्थलों पर साथ घुमने गए. बेलू को मलाल है कि अंतिम समय मे उनसे नही मिल पाया.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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