भोजपुरी की पढ़ाई जल्द शुरू हो
आठवीं अनुसूचि में किया जाए शामिल
भोजपुरी बचाओ अभियान द्वारा भोजपुरी की पढ़ाई पुनः शुरू करने को लेकर पूर्व से घोषित भोजपुर जिला बंद का व्यापक असर देखा गया.रेल से लेकर सड़कों तक,विश्विद्यालय से लेकर महाविद्यालय तक और चौक-चौराहों से लेकर गलियों तक बस एक ही नाम गूंजा- “भोजपुरी को सम्मान चाहिए “.
गौरतलब है कि भोजपुरी का यह आंदोलन पिछले एक सप्ताह से आरम्भ हुआ है जिसका आज इतने बड़े रूप में आगाज भोजपुर वासियों को देखने को मिला. अहले सबेरे अभियान के सदस्यों ने पुर्वा एक्सप्रेस और इएमयू ट्रेनों को रोककर वहां उपस्थित लोगो को संबोधित किया. फिर विभिन्न टुकड़ियों में नवादा, मठिया, शिवगंज,गोपाली चौक, सपना सिनेमा बाईपास,त्रिभुआनी कोठी, ओभर ब्रिज, धोबीघटवा, अनाईठ, कतीरा, पकड़ी, जज कोठी मोड़, शहीद भवन आदि स्थानों समेत शहर के कई भाग जाम किये गए.इस बंदी को शहर में लोगों का समर्थन था.एक दो दुकानें खुली जो आंदोलन के दौरान बंद कर दी गई .
इधर विश्वविद्यालय में अभियान के एक दल ने विवि परिसर में एक सभा कर विवि बंद करने की अपील की. जब विवि खुद से नहीं बंद किया तो दल के सदस्यों ने कुलपति चैम्बर में नारेबाजी कर उसे बंद कराया. दल ने सभी डिपार्टमेन्ट में छात्रों और शिक्षकों से विनती कर डिपार्टमेन्ट को बंद कराया.फिर वहाँ से विभिन्न कॉलेजो को भी पैदल मार्च कर बंद कराया गया.इस दौरान महिला कॉलेज की छात्राएं भी शिक्षक दिवस समारोह छोड़ शामिल हुई.छात्राओं को संबोधित करते हुए अभियान के सदस्यों ने अपनी बात रखी तो छात्राओ ने भोजपुरी के समर्थन में अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया.
सारण, बक्सर और धनबाद से भी शामिल हुए लोग
भोजपुरी की इस जंग में भोजपुर जिले के लोगों के अलावा बाहर से आए लोगों ने भी अपनी भागीदारी निभायी. भोजपुरी साहित्य सम्मलेन सारण प्रमंडल के उपाध्यक्ष डॉ विश्वनाथ शर्मा ने कहा कि किसी की मजाल नहीं है कि भोजपुरी को बंद करा दे.70 वर्षीय शर्मा जी ने बताया कि हजारों भोजपुरी में किताब और 15 शब्दकोष है उनके पास भोजपुरी का . वहीँ भोजपुरी शोध एंव सामाजिक ट्रस्ट,धनबाद से आये कृष्णेन्दु ने भी कहा कि ये आंदोलन भोजपुरी के सम्मान मिलने तक जारी रहेगा.बक्सर से आये अमित द्विवेदी ने विश्वविद्यालय से लेकर शहीद भवन तक दल के साथ भोजपुर वासियो को संबोधित किया. भोजपुरी वासियों को इस आंदोलन के लिए सभी ने साधुवाद दिया.
भोजपुरी बचाओ अभियान में शामिल विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक, शिक्षण और राजनितिक संगठनों में, अम्बा,मचान,आरा यूथ ग्रुप,छात्र समागम,बसपा,छात्र राजद,एनएसयूआई, छात्र शक्ति, भाजपा नगर एवं जिला इकाई,हम, विद्यार्थी परिषद,विश्व हिंदू परिषद्,बजरंग दल सहित कई लोग शामिल थे. आज के इस बंद में शामिल प्रमुख लोगों में ओ पी पांडेय, कुमुद पटेल,हम प्रवक्ता दानिश रिजवान, अविनाश राव,जगदीश के पूर्व विधायक भाई दिनेश,अभिषेक द्विवेदी,मंगलम पांडेय, राजेंद्र तिवारी,धर्मेंद्र सिंह,सुमन सिंह,चंदन तिवारी, शैलेश राय,अमरेंद्र कुमार, छोटू छलिया, संतोष सिंह यादव,रविकेश कुशवाहा, रोहन कुशवाहा,राकेश राजपूत,मंगलेश तिवारी, सत्य प्रकाश सिंह, तत्सत पाण्डेय, मनोरंजन, पर्यावरण प्रेमी आनंद कुमार,अटल बिहारी पांडेय,धनन्जय कुमार सिंह,डॉ पुष्कर,प्रांजल शर्मा,रवि किशन सिन्हा, राणा प्रताप सिंह,रंजन सिंह,विशाल सिंह,विभु जैन,रश्मि राज कौशिक समेत विशाल जन समूह शामिल था.
कुलपति भी निकल लिए
भोजपुरी के आंदोलन को लेकर जब एक जन सैलाब ने विवि के कुलपति का प्रशानिक भवन खाली कराया गया तो वो अर्थशास्त्र विभाग में शिक्षक दिवस मनाने चले गए. जहाँ केक काटकर उन्हें यह उत्सव मनाना था लेकिन विभाग में चल रहे इस बात की भनक आंदोलनकारियों को लगी तो उन्होंने पूरे बिल्डिंग को ही कब्जे ले उसे खाली कराने लगे.कुलपति को इस बाबत फ़जीहत होना पड़ा और वे वहां से चले गये .
इस दौरान शिक्षक दिवस मना रहे कुछ शिक्षकों ने जब छात्रों को आगे किया तो हल्की झड़प भी हुई लेकिन आन्दोलनकर्मियों ने सूझ बूझ से डिपार्टमेन्ट को खाली कराया.छात्रों ने आज का आंदोलन भी इसी लिए रखा कि पूर्व कुलपतियों और विभागाध्यक्ष द्वारा ही भोजपुरी का भविष्य गर्त में किया गया है। ऐसे में छात्रों का भविष्य खराब कर शिक्षक दिवस भोजपुर की जनता उन्हें नहीं मनाने देगी.सोशल मीडिया में भी भोजपुरी के लिए आज ख़बरों में ट्रेंड बना रहा.देश-विदेश से लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
आरा से ओमप्रकाश पाण्डेय की रिपोर्ट