98.8 प्रतिशत अंक के साथ संभावना स्कूल के छात्र ने भोजपु र टाॅपर बन अपना पताका लहराया

निदेशक एवं प्राचार्या ने आर्यन को पाठ्य पुस्तक व नकद राशि देकर किया सम्मानित




आरा,14 मई(ओ पी पांडेय). मेहनत रंग लाती है और मेहनत करने वाले के साथ उससे जुड़े और मेहनत करने वाले को सहयोग करने वाले से लेकर जननी तक गर्वान्वित होती है जब रिजल्ट सामने आता है. कुछ ऐसा किया है आरा के रहने वाले आर्यन ने, जिसने अपनी मेहनत से CBSE के 10वीं बोर्ड की परीक्षा में जिला टॉपर बन न सिर्फ अपने नाम को बल्कि परिवार, विद्यालय, मातृभूमि समेत पूरे जिले के मान को बढ़ाया है.

आर्यन शहर के शुभ नारायण नगर मझौंवा स्थित संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के का छात्र है,जिसे CBSE दसवीं बोर्ड की परीक्षा में भोजपुर टाॅपर बनने का गौरव प्राप्त हुआ है. आर्यन के इस उपलब्धि से संभावना स्कूल ही नही बल्कि भोजपुर जिले का हर व्यक्ति गदगद है. CBSE दसवीं बोर्ड की परीक्षा में उसने 98.8 प्रतिशत अंक हासिल कर यह कीर्तिमान बनाया है.

गणित के आर्यभट्ट डॉ वशिष्ट के गाँव का है आर्यन

आर्यन मूल रूप से आरा सदर प्रखंड के बसंतपुर गांव का रहने वाला है. आर्यन उसी गांव का है जिस गाँव के गणित के आर्यभट्ट यानि पदम् श्री डॉ वशिष्ट नरायण सिंह थे. उसके पिता प्रमोद कुमार सिंह आर्मी में सैनिक हैं. वर्तमान में वे कश्मीर के रजौरी में पोस्टेड है.

मां पूनम देवी गृहिणी है.आर्यन अपने दो बहन एवं भाई में सबसे छोटा है. उसके दोनो बहने दिव्या कुमारी और दिव्यांशू कुमारी की पढ़ाई भी संभावना स्कूल में हुई है. आर्यन की प्रारम्भिक शिक्षा भी संभावना स्कूल से ही शुरु हुई है. आर्यन वर्ष 2012 में कक्षा UKG में नामांकन कराया था. उसका सपना आगे चलकर JEE क्रैक कर इंजीनियर बनने का है. उसके आदर्श भारत के मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम हैं. पढ़ाई के अलावे उसे बैडमिंटन खेलने और पेंटिंग बनाने में रुचि है.

स्कूल की तरफ से मिला उपहार

आर्यन के इस उपलब्धि पर विद्यालय के प्रबंध निदेशक डॉ. कुमार द्विजेंद्र एवं प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने संयुक्त रूप से उसे कक्षा ग्यारहवीं का पाठ्य पुस्तक एवं नकद राशि देकर सम्मानित किया. प्राचार्या डॉ. अर्चना सिंह ने कहा कि संभावना आवासीय उच्च विद्यालय के शत-प्रतिशत बच्चे CBSE दसवीं बोर्ड की परीक्षा में सफलता हासिल की है. इसमें आर्यन ने 98.8 प्रतिशत अंक लाकर भोजपुर टाॅपर बना है. यह संभावना स्कूल के लिए गौरव का क्षण है. आर्यन ने विद्यालय का मान-सम्मान बढ़ाया है. उसके इस उपलब्धि में स्कूल परिवार एवं उसके माता-पिता का सराहनीय योगदान रहा है.

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