मयखानों में बंद हो गए छलकते प्याले
फिर भी मस्ती के साथ गटक रहे हैं पीने वाले
कार्रवाई के बाद भी नहीं रुक रहा है पीना
लोकसेवक से लेकर डॉक्टर तक है मतवाले
थानों में भी जब्त बोतल टूट रहे हैं
सील बंद शराब गायब, कौन गटक रहा है शराब
फोन पर ऑर्डर से मिल रहे हैं शराब
शराब बेचने के 130 हैं आरोपी
आंकड़े ही बताते हैं शराबबंदी की सच्चाई
मात्र 180 मामले एक्साइज एक्ट के तहत दर्ज
6 माह में सिर्फ 70 शराबियों को भेजा गया जेल
शराबबंदी पर भोजपुर जिले में अबतक की गयी कार्रवाई पर पटना नाउ की पड़ताल…ओ पी पांडेय की स्पेशल रिपोर्ट
बिहार में जाम से जाम छलकाने और शराब की खुमारियों में रहने वालोंके लिए काला दिन अप्रैल से आया , जब सरकार ने प्रदेश में शराब पीना और बेचना दोनों बैन कर दिया. पुरे प्रदेश में शराब पीना-बेचना कड़ा जुर्म है. फिर भी शराब के शौकीन यह जानते हुए भी चोरी-छिपे प्यालों में जाम छलका रहे है. साथ ही पकड़े भी जा रहे है. पिछले छह महीना के दौरान केवल भोजपुर जिले में शराब पीने के आरोप में 70 शौकीनों को सलाखों के पीछे जाना पड़ा है. इन सभी शराब के मतवालों को ब्रेथ एनलाइजर से लेकर मेडिकल जांच की प्रक्रिया से भी उन्हें गुजरना पड़ा है. यहां संपूर्ण शराबबंदी के बाद भी अवैध शराब के मामले कुकुरमुत्ते की तरह उजागर हो रहे हैं. विभागीय सूत्रों के अनुसार अभी तक एक्साइज एक्ट के ही अकेले 180 है. इनमें करीब 81 मामलों में स्पीडी ट्रॉयल के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है.
एडीजी (विधि-व्यवस्था) आलोक राज ने लंबित कांडों में जल्द से जल्द चार्जशीट समर्पित किए जाने का आदेश भी दिया है. साथ ही उत्पाद अधिनियम से जुड़े कांडों में जल्द से जल्द त्वरित विचारण का आदेश भी शामिल है. लेकिन अभी तक उत्पाद अधिनियम से जुड़े किसी भी मामले में आरोपियों को सजा नहीं हुई है.
एडीजी (विधि व्यवस्था) पटना, आलोक राज ने अवैध शराब से जुड़े मामले को लेकर भोजपुर पुलिस से रिपोर्ट मांगा है. मामलों में जल्द से जल्द निष्पादन करने के निर्देश दिये गये हैं. उत्पाद अधिनियम से जुड़े सभी कांडों को स्पीडी ट्रायल से जोड़े जाने का भी आदेश दिया गया है. भोजपुर पुलिस से अक्टूबर तक उजागर 180 मामलों में से 81 कांडों में त्वरित विचारण का प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
जिले में अवैध शराब के जो केस दर्ज हो रहे हैं, उसमें यह भी पता किया जा रहा कि किस राज्य से शराब की खेप को मंगाया गया था. उत्पाद विभाग भी इसकी समीक्षा कर रहा है. मुख्यालय ने इस संबंध में रिपोर्ट भी मांगा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार भोजपुर जिले में बंगाल, झारखंड, यूपी हरियाणा राज्य से सबसे अधिक शराब की खेप मंगाई जा रही है. हालांकि, छत्तीसगढ़ अरुणाचल प्रदेश से यहां मंगाई गई शराब की खेप को भी यहां पकड़ा जा चुका है.
भोजपुर जिले में ही 30 हजार से अधिक शराब की बोतलें जब्त
पिछले छह महीना के अंदर बीस हजार से अधिक विदेशी शराब की बोतलें बरामद हो चुकी है. सर्वाधिक बरामदगी आरा टाउन, नवादा, कोईलवर, शाहपुर, बड़हरा, उदवंतनगर, गड़हनी पीरो इलाके से हुई है. फल की पेटी, अप्लाइड ईख में छुपाकर शराब की तस्करी किये जाने के मामले का भी यहां भंडाफोड़ हुआ है. जिसे थाने के मालखाने में जब्त कर रखा गया है. देसी से अधिक विदेशी शराब की बोतलें यहां मिली है.
जिले में शराब बंदी की गाज डॉक्टर से लेकर सरकारी लोकसेवकों पर भी गिर चुकी है. शराब पीने के आरोप में पुलिस एक डॉक्टर, एक लोकसेवक, बिहार पुलिस के जवान, बीएमपी के सिपाही बीएसएफ के जवान को सलाखों के पीछे भेजा गया है. मजेदार बात ये है कि डॉक्टर के मामले में अल्कोहल का मात्रा नहीं पाये जाने का मेडिकल रिपोर्ट आया था. लेकिन, ब्रेथ एनलाइजर की जांच में पाया गया था. रिपोर्ट में अल्कोहल की मात्रा नहीं पाये जाने को लेकर सवाल भी उठा था.
अप्रैल 2016 से प्रदेश में संपूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. कानून के लागू होने के बाद से अक्टूबर महीने तक अवैध शराब बेचने और पीने के आरोप में करीब 200 आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस सलाखों के पीछे भेज चुकी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार शराब के साथ 130 आरोपियों तथा पीने के आरोप में 70 आरोपियों को पुलिस ने आरा, पीरो जगदीशपुर अनुमंडल इलाके से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. ये आंकड़े अप्रैल से अक्टूबर महीने तक का है. शहर के कई मुहल्लों में बिक रही शराब से पीने वालों की पौ बारह है वहीँ गाँवों में भी अब थोड़ी मशक्कत के बाद शराब मिल रही है ,जिसका पिछले दिनों महिलाओं ने विरोध किया था .