भोजपुर की पहली प्रतिभागी बनी मनीषा, दूसरे नम्बर पर दो बहनें खुश्बू और ऋतु
अध्यात्म के नींव की ईंट बन जीतिए स्पेशल अवार्ड
मनीषा और ऋतु का सपना IAS बनने का, वही खुश्बू का CA बनना है सपना
आरा,17 अक्टूबर. पहली बार होने जा रहे अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक ओलम्पियाड के लिए भोजपुर से पहली प्रतिभागी के रूप में मनीषा कुमारी ने अपना पंजीकरण कर अध्यात्म के नींव की पहली ईंट रखने का गौरव पाया है. पंजीकरण के साथ ही ओलम्पियाड के लिए भोजपुर जिले से पहले प्रतिभागी बनने का गौरव लॉ स्टूडेंट मनीषा कुमारी ने पाया है. मनीषा के बाद दूसरे स्थान पर प्रतिभागी के रूप में दो सगी बहनें खुश्बू और ऋतु ने भी अध्यात्म के इस नींव की ईंट बनने का गौरव प्राप्त किया है.
अध्यात्म के नींव की ईंट बन जीतिए स्पेशल अवार्ड
बताते चलें कि अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक ओलम्पियाड में अध्यात्म के नींव की ईंट का गौरव पहले पंजीकरण करने वाले 5001 लोगों को प्राप्त होगा. संस्थान के वेबसाइट पर अध्यात्म की मशाल के लिए आगे आने वाले इन प्रतिभागियों को न सिर्फ विशेष जगह दिया जाएगा बल्कि इन्हें संस्थान द्वारा विशेष सम्मान देने की भी योजना है. फिलहाल सम्मान के बारे में कोई घोषणा नही की गई है कि विशेष सम्मान क्या होगा. लेकिन आप भी पहले पंजीकरण के इस इस अभियान जिसे आध्यत्म की नींव के पहले चरण कहा जा रहा है, इसमें अपने पंजीकरण को एक ईंट के रूप में संकल्पित हो आध्यात्मिक यज्ञ में अपना आहूत कर विशेष सम्मान उ उपहार के हकदार बन सकते हैं.
3 अक्टूबर से प्रारम्भ है पंजीयन
वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय आध्यात्मिक ओलम्पियाड के लिए देशव्यापी पंजीकरण अभियान की शुरुआत 3 अक्टूबर से ही शुरू हो गयी थी जिसमें बिहार से पहले प्रतिभागी बनने का गौरव रंजीत कुमार एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ ने पाया था, लेकिन भोजपुर जिले में पंजीकरण ने अब रफ्तार पकड़ी है.
भोजपुर जिले से पहला फॉर्म मनीषा कुमारी कुमारी ने वैसे तो 4 अक्टूबर को ही भरा था लेकिन उसके बाद किसी ने फॉर्म नही भरा था. लेकिन मंगलवार को आध्यात्मिक ओलम्पियाड के लिए अचानक से 7 लोगों ने पंजीकरण किया जिसमें दो सगी बहनें दूसरी नम्बर पर रहीं और इस तरह बुधवार तक कुल भोजपुर से 32 लोगों ने अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक ओलम्पियाड के लिए पंजीकरण किया है.
भोजपुर की बेटियाँ आध्यात्मिक चेतना में भी आगे
हर क्षेत्र में अपनी मेहनत से लड़कों से आगे रहने वाली भोजपुर की बेटियों ने आध्यात्मिक ओलम्पियाड में पहले पंजीकरण कर एक बार फिर से बाजी मारा है. फॉर्म भरने वाली भोजपुर की पहली प्रतिभागी मनीषा और दूसरे नम्बर पर प्रतिभागी बनी दोनों सगी बहनों का अध्यात्म में गहरी रुचि है और भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति एक जागरुक नागरिक हैं. पहली बार हो रहे इस तरह के आयोजन को लेकर मनीषा के अंदर काफी उत्सुकता है.
वह कहती हैं कि इस तरह के आयोजन की जरूरत है साथ ही अध्यात्म को पाठ्यक्रम में जोड़ना चाहिए ताकि लुप्त ही रही पुरातन चीजों को नई पीढ़ी जान सके. किसी भी देश की संस्कृति ही उसका आधार होता है तो उसे ही विकसित करना चाहिए जो न सिर्फ विरासत को मजबूत करेगा बल्कि रोजगार भी सृजित करेगा. मनीषा अपने चार भाई-बहनों में दूसरे नम्बर पर है. बड़ा भाई रवि और छोटा भाई विशाल दोनो मुंबई प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं वही सबसे छोटा भाई विष्णु 9वीं कक्षा में पढ़ाई करता है. मनीषा ने BBA की पढ़ाई करने के बाद पटना लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया है और कम्पीटिशन की तैयारी कर रही है. व्यवसायी पिता शिव प्रकाश और माता गृहणी राधा देवी की पुत्री मनीषा सपना IAS बनना है, जो सपने साकार होने पर व्यापक सुधार की बात कहती हैं.
वही खुश्बू और ऋतु के पिता जी सुनील कुमार श्रीवास्तव निबंधन कार्यालय में काम करते हैं और माँ रानी देवी गृहणी हैं. चार भाई बहनों में सबसे बड़े भाई रितेश रंजन पीएचडी कर कम्पीटिशन की तैयारी में लगे हैं वही दूसरा बड़ा भाई राजीव रंजन पटना में निजी कम्पनी में कर्यरत हैं. तीसरे नम्बर पर खुश्बू मल्टी लेबल कम्पीटिशन की तैयारी कर रही है लेकिन उसका मुख्य ध्येय BPSC क्रैक करना है. एकाउंट से पीजी करने वाली खुश्बू फायनांस को अच्छी तरह समझती है और उसका सपना CA बनने का है. वह CA की तैयारी भी दिल्ली के एक निजी इंस्टिट्यूट से फिलहाल ऑनलाइन कर रही है. डांस, म्यूजिक और गाना उसका हॉबी और पैशन दोनों है वही छोटी बहन ऋतु भी मल्टी टैलेंटेड है. अर्थशास्त्र स्नातक 1st सेमेस्टर की परीक्षा दे चुकी ऋतु NSS की सक्रिय सदस्य भी है और सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ हिस्सा लेती है. ऋतु का सपना भी IAS बनना है और डांस और म्यूजिक उसकी हॉबी है.
क्या है आध्यात्मिक ओलम्पियाड ?
बताते चलें कि भारतीय सभ्यता-संस्कृति के प्रति नयी पीढ़ी और आमजनों को भलीभांति अवगत कराने के उद्देश्य से अंतर्राष्ट्रीय अध्यात्म ओलम्पियाड की शुरुआत की गई है. इस ओलंपियाड में कक्षा एक से लेकर शोध करने वाले छात्र तक अलग-अलग श्रेणियों में भाग ले सकते हैं. अभिभावक भी इसमें भाग ले सकते हैं. डाॅ गीता जैन ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अध्यात्म ओलम्पियाड के लिए 28 फरवरी तक निबंधन होगा. शिक्षण संस्थानों के माध्यम से या सीधे निबंधन किया जा सकता है. अंतर्राष्ट्रीय अध्यात्म ओलम्पियाड परिषद की वेबसाइट www.isocouncil.org पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चल रहा है. अगले साल 31 अगस्त को पटना समेत देश के लगभग 300 शहरों में एकसाथ लिखित वस्तुनिष्ठ प्रारंभिक परीक्षा होगी.
परीक्षा की तैयारी के लिए सभी निबंधित अभ्यर्थियों को निबंधन के बाद उनके पते पर ‘अ से अध्यात्म’ नामक पुस्तक भेजी जाएगी. इस पुस्तक में वेद, उपनिषद, गीता, रामायण, भारतीय दर्शन-चिन्तन, अध्यात्म एवं आधुनिक विज्ञान आदि अध्याय होंगे. अंग्रेजी और हिन्दी दोनों भाषाओं में पुस्तक उपलब्ध होगी. भाषा का चयन निबंधन के समय किया जाएगा. प्रारंभिक परीक्षा से चयनित कुल 516 अभ्यर्थियों के बीच दिल्ली में 14 दिसंबर 2025 को फाइनल प्रतियोगिता होगी. इसमें टाॅपर 30 प्रतिभागियों को 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का नकद पुरस्कार मिलेगा. शेष बचे प्रतिभागियों में बीपीएल श्रेणी के अभ्यर्थियों को छात्रवृत्ति दी जाएगी. फाइनल राउंड के सभी प्रतिभागियों को शानदार ट्राॅफी और मेडल दिया जाएगा. डॉ जैन ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर पहले निबंधन करने वाले 5001 अभ्यर्थियों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा.