अधर में CM नीतीश का एक निश्चय

By Amit Verma Apr 29, 2017

सात निश्चय में एक निश्चय हर घर में शौचालय है
अधर में CM नीतीश का एक निश्चय

जहां सोच वहां शौचालय, ये विज्ञापन देखकर तो अच्छा लगता है और लगता है पूरे देश में ऐसा होना भी चाहिए. लेकिन भोजपुर जिले में इस सोच को जैसे जंग लग गयी है और भोजपुर को “शौच-मुक्त” बनाने का सपना अब एक ‘सोच’ ही बनकर रह गयी है.




क्या है मामला?

भोजपुर जिले में लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अन्तर्गत कार्यरत सभी प्रखण्ड समन्वयक अपनी माँगों को लेकर संघ के आह्वान पर बुधवार से अनिश्चतकालीन हङताल पर हैं. इनका कहना है कि पहले कई बार राज्य मुख्यालय में माँगों के समर्थन में संघ ने ज्ञापन दिया है. लेकिन विभाग के कान पर जूँ नहीं रेंगा तो संघ ने विवश हो यह कदम उठाया. प्रखण्ड समन्वयक पिछले छह वर्षों से मानदेय पर कार्य कर रहे हैं, जो विभिन्न प्रखण्डों के कई पंचायतों को खुले में शौचमुक्त करने के अभियान में लगे थे. यह अभियान भारत सरकार की (स्वच्छ भारत मिशन) महत्वपूर्ण योजना तो है ही, बिहार सरकार के सात निश्चय में से भी एक है.

 

फॉलोअप का काम हुआ ठप

प्रखण्ड समन्वयकों के हड़ताल पर जाने से जिले के ग्रामीण इलाकों में वैसे वार्ड और ग्राम पंचायत जो खुले में शौच-मुक्त  बनने को अग्रसर थे काफी धक्का लगा है . अब इनके बीच प्रातःकालीन और सान्ध्यकालीन फाॅलोअप और उत्प्रेरण की समस्या उत्पन्न हो गई है. मजेदार बात तो यह है कि जिन ग्रामीणों के शौचालय का निर्माण हो चुका है उनकी प्रोत्साहन राशि का भुगतान अधर में लटक गया है. अब इस प्रोत्साहन राशि के नहीं मिलने से ग्रामीण गुस्से में हैं. एक तो कई क्षेत्रों के  ग्रामीणों को अब तक बाढ़-राहत के पैसे सरकार ने नहीं दिए हैं जिससे किसानों का गुस्सा चरम पर है ऊपर से शौचालय की प्रोत्साहन राशि का अटकना कहीं फिर से शौच-युक्त गाँव न खड़ा कर दे.

 

आरा से ओपी पांडे

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