सांसद सुदामा प्रसाद को भिखारी ठाकुर स्मृति सम्मान

आरा, 19 दिसम्बर. भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच पर विगत तीन दिनों से चल रहे भिखारी ठाकुर लोकोत्सव के 24वें संस्करण का भव्य समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि मातृभाषा भोजपुरी के सम्मान और संवर्धन के उद्देश्य से निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी. इसके लिए भोजपुरी संयुक्त संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया जिसकी कोर कमिटी में विभिन्न क्षेत्रों के भोजपुरीसेवियों को शामिल किया गया. जिनमें रांची से नवीन सिंह, डॉ अजय ओझा, गोरखपुर से नंदलाल मणि त्रिपाठी, देवरिया से जनार्दन सिंह, छपरा से उमाशंकर साहू, बक्सर से राजेश कुमार, रोहतास से स्यंदन सुमन, आरा से पत्रकार नरेंद्र सिंह, सोहित सिन्हा, पप्पू सिंह प्रमुख हैं.




समापन दिवस के उद्घाटन सत्र की शुरुआत महापौर इंदु देवी, साहित्यकार एवं संस्कृतिकर्मियों नवीन सिंह, प्रीति सिंह, जनार्दन मिश्र, अंकिता पंडित, देवीदयाल राम, श्याम नारायण शर्मा, प्रो किरण कुमारी, वाल्मीकि शर्मा कयामुद्दीन अंसारी तथा सांसद प्रतिनिधि दिलराज प्रीतम एवं अन्य द्वारा दीप जलाकर हुई. भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता के सवाल पर अतिथियों ने विचार रखे. सांसद प्रतिनिधि ने सांसद सुदामा प्रसाद का शुभकामना संदेश पढ़ा तथा संसद के सत्र में भोजपुरी से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की.

अध्यक्ष नरेंद्र सिंह के आग्रह पर दिलराज प्रीतम ने कहा कि भोजपुरी में पत्र व्यवहार करने के लिए राजधानी दिल्ली में एक बॉक्स लगाया जाएगा. भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान का भिखारी ठाकुर स्मृति सम्मान सांसद सुदामा प्रसाद को भोजपुरी के लिए किए जा रहे संकल्प के लिए दिया गया. अन्य वार्षिक सम्मानों में भिखारी ठाकुर सांस्कृतिक मंच का विशेष सम्मान गोरखपुर की लोकगायिका अंकिता पंडित को, रंगकर्मी शशिनाथ त्रिवेदी सम्मान रंगकर्मी अंबुज कुमार को, समकालीन तापमान पत्रकारिता सम्मान युवा पत्रकार बंटी भारद्वाज को, साहित्यकार मधुकर सिंह स्मृति सम्मान कवि जनार्दन मिश्र को, पद्मश्री उस्ताद बिस्मिल्ला खां स्मृति सम्मान नवीन सिंह को , कवयित्री उर्मिला कौल स्मृति सम्मान डॉ रेणु मिश्र को, बाबू शत्रुंजय प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान डॉ जया जैन को तथा, भोजपुरी सेवक सम्मान गीतकार कवि राज कवि, रंगकर्मी रंजन यादव, समाजसेवी कृष्ण प्रताप सिंह, फिल्म अभिनेता रामेश्वर, भोजपुरी शोधछात्र सोहित सिन्हा तथा व्यास कमलेश व्यास और उनकी टीम को दिया गया.

अंकिता पंडित के शिव भजन और कमलेश व्यास के भिखारी ठाकुर गीत पर झूमे लोग

बुधवार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भोजपुरी लोकगायकी के सत्र में गोरखपुर से आई अंकिता पंडित ने शिव भजन और अलचारी सुनाया तथा कमलेश व्यास ने भिखारी ठाकुर रचित गीत और देवी पचरा गाकर सुनाया। दर्शकों और आगंतुक अतिथियों की विशेष फरमाइश पर भी कलाकारों ने भावविभोर करने वाले गीत प्रस्तुत किए.

अगले साल लोकोत्सव की रजत जयंती, कवि शैलेन्द्र स्मारक के लिए मिला आश्वासन

कार्यक्रम के अंत आयोजन सचिव रवि कुमार सूरज ने कहा कि अगले साल लोकोत्सव का 25 वां रजत जयंती भव्य तरीके से होगा जिसमें विदेशों से भी अतिथि आयेंगे, इसके अलावा स्मारिका का पुनर्प्रकाशन भी होगा. मंच से सांसद प्रतिनिधि दिलराज प्रीतम ने अध्यक्ष नरेंद्र सिंह के आग्रह पर कवि शैलेन्द्र की स्मृति में स्मारक के लिए सांसद द्वारा हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया जिसके लिए भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान प्रस्ताव भेजेगा. युवा पत्रकार बंटी भारद्वाज ने अपने पिताजी और लोककलाकार मुक्तेश्वर उपाध्याय की स्मृति में स्थानीय बस पड़ाव पर भिखारी ठाकुर स्मृति द्वार बनवाने की घोषणा की.

अंत में आरा नगर निगम में भिखारी ठाकुर की भव्य पेंटिंग लगवाने के लिए महापौर इंदु देवी को धन्यवाद देते हुए सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सिंह ने किया.

दूसरा दिन

पारंपरिक धोबिया नाच और नाटक के मंचन में जुटे हजारों दर्शक

स्कूली बच्चों की प्रस्तुति में भोजपुरी की वर्तमान दशा पर हुई चर्चा

भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय भिखारी ठाकुर लोकोत्सव के दूसरे दिन देर शाम तक हजारों दर्शक जुटे रहे. जिसके उदघाट्न सत्र की शुरुआत चिकित्सकों डॉ पी सिंह, डॉ प्रतीक, डॉ जया जैन, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह, अधिवक्ता एवं पू शिक्षक देवीदयाल राम नंदलाल मणि त्रिपाठी, जनार्दन सिंह, जनार्दन मिश्र, प्रो किरण कुमारी, दुखन पासवान, जमीरा कोठी की लीला सिंह, पत्रकार अजय ओझा द्वारा दीप प्रज्वलित तथा संक्षिप्त संबोधन के साथ हुई.

उदघाटन के बाद संभावना उच्च विद्यालय की छात्राओं शिक्षक धर्मेंद्र जी के नेतृत्व में स्वागत गीत और कौशल जी के भिखारी ठाकुर रचित गीतों के गायन के साथ हुई. भोजपुरी की वर्तमान दशा विषय पर संभावना विद्यालय के आदित्य, आराध्या, अनुष्का, कृति, जैन बाला विश्राम की अंजलि, शिवानी, उर्सुला इन विद्यालय के निखिल, आर्यन तथा क्षत्रिय स्कूल के अमरजीत ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया जिन्हें अतिथियों ने पुरस्कृत किया. आर एन एस डी पी एस स्कूल की छात्राओं ने शिक्षक अमित शंकर के मार्गदर्शन में पारंपरिक कजरी गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया. दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत बक्शी विकास के नेतृत्व में स्नेहा पांडेय और टीम द्वारा भिखारी ठाकुर कृत बिदेसिया पर शास्त्रीय कथक नृत्य प्रस्तुति के साथ हुई. इस अनूठी प्रस्तुति को दर्शकों की वाहवाही मिली. कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गाजीपुर से आए सल्टू राम और उनकी टीम द्वारा पारंपरिक धोबिया गीत और कठघोड़वा नृत्य रहा. स्थानीय पटेल बस पड़ाव के प्रांगण में इस अदभुत और विलुप्त हो रही कला के प्रदर्शन पर तालियां बजती रही. देर शाम तक सुरेश जी की टीम द्वारा भिखारी ठाकुर रचित पुत्र वध उर्फ सौतेली मां नाटक का मंचन हो रहा था और दर्शक लगातार जमे हुए थे.

वार्षिक सम्मानों में कवि अजब दयाल सिंह भोजपुरिया सम्मान गोरखपुर के नंदलाल मणि त्रिपाठी और शारदा प्रसाद सिंह स्मृति संभावना सम्मान देवरिया के साहित्यकार जनार्दन सिंह को दिया गया. कार्यक्रम के मंच संचालन तथा व्यवस्था में अध्यक्ष नरेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष रामजी यादव, रंगकर्मी रंजन यादव, अमरदीप कुमार जय, पप्पू सिंह, कवि राज कवि, राजू रंजन, चंद्रभूषण पांडेय, सोहित सिन्हा, डॉ बीरेंद्र कुमार शर्मा, बंटी भारद्वाज, रवि प्रकाश सूरज का योगदान रहा.

पहला दिन

भिखारी ठाकुर लोकोत्सव की पारंपरिक शुरुआत

आठवीं अनुसूची के मुद्दे पर निर्णायक शंखनाद का आह्वान

गोंड नाच की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोहा

भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के बैनर तले तीन दिवसीय भिखारी ठाकुर लोकोत्सव की शुरुआत पारंपरिक ढंग से हुई. पहले दिन जनप्रतिनिधियों, साहित्यकारों, पत्रकारों और संस्कृतिकर्मियों द्वारा भिखारी ठाकुर,बाबू ललन सिंह तथा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित कर हुई. उदघाटन सत्र को प्रो. डॉ धर्मेंद्र तिवारी, पूर्व कुलपति, इंदु देवी,महापौर,आरा नगर निगम, डॉ जया जैन, प्रो किरण कुमारी, मधु मिश्रा,धीरेन्द्र सिंह सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन, साहित्यकार जनार्दन मिश्रा, प्रो रेणु मिश्र, बी डी सिंह,जीएम होटल मौर्य, प्रो दिनेश प्रसाद सिन्हा तथा अन्य साहित्यकारों ने संबोधित किया.

कमलेश व्यास द्वारा भिखारी रचित गंगा स्नान और अन्य गीतों की मधुर प्रस्तुति हुई. इसके बाद भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता तथा अस्मिता की पहचान के सवाल विषय पर परिचर्चा आयोजित हुई. परिचर्चा में अन्य लोगों के अलावा डॉ रंजन विकास, रंजन प्रकाश, गोरखपुर के नन्दमणि लाल त्रिपाठी, मीडिया विशेषज्ञ डॉ अजय ओझा, देवरिया के जनार्दन सिंह, वीर कुंवर सिंह विवि भोजपुरी विभागाध्यक्ष प्रो दिवाकर पांडेय, डॉ कुमार शीलभद्र, डॉ बीरेंद्र कुमार शर्मा, आचार्य धर्मेंद्र तिवारी ने भाग लिया तथा भोजपुरी की संवैधानिक मान्यता के लिए भोजपुरी जनता को जागरूक होने तथा जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का आह्वान किया.

वक्ताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि अब निर्णायक संघर्ष का समय है, सभी आंदोलनरत संगठनों को एक बैनर के नीचे आने की जरूरत है जिसका आगाज़ भिखारी ठाकुर लोकोत्सव के इसी मंच से होगा. संस्थान के अध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सिंह ने एक कमिटी गठित करने का प्रस्ताव दिया जिसमें सभी संगठनों के लोग सहभागी होंगे. इसके बाद जोगीबीर के दरोगा गोंड, टुनटुन गोंड और उनकी टीम द्वारा गोंड नाच की भव्य प्रस्तुति हुई जिसे दर्शक एकटक देखकर भावविभोर हो गए.

अंत में संस्थान की स्मारिका के आवरण पेज की मुंहदिखाई हुई. भिखारी ठाकुर और भोजपुरी लोकसंस्कृति पर केंद्रित स्मारिका का प्रकाशन फरवरी तक किया जाएगा. आज के कार्यक्रम का संचालन नरेंद्र सिंह, रवि प्रकाश सूरज, बंटी भारद्वाज ने किया. कार्यक्रम में चंद्रभूषण पांडेय, कवि राज कवि, रंजन यादव, सोहित सिन्हा, रंगकर्मी राजू रंजन, आदित्य, रवि कुमार, शंकर जी आदि सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण रही.

PNCB

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