त्योहारी सीजन से पहले आरबीआई  ने फिर दिया ईएमआई पर झटका

By pnc Sep 30, 2022 #rbi #rbi reporate

50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया रेपो रेट

01 अक्टूबर से लागू हो रहा है नया नियम




चौथी बार हुआ इजाफा

रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की है. महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है. बीते महीने पांच अगस्त को भी RBI ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था.

भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक आज खत्म हो गई. रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी और उन्होंने रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा की है. इस तरह रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है. बीते महीने पांच अगस्त को भी भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था.

आज हुई बढ़ोतरी के मिलाकर केंद्रीय बैंक मई के बाद से रेपो रेट अब तक चार बार इजाफा कर चुका है. इस वजह से रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. इससे पहले यह 5.40 पर था. शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के झटके के बाद एक और तूफान वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक मौद्रिक नीतियों से उत्पन्न हुआ है. दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है. अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में लगातार 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. इसकी वजह से रुपये पर दबाव बढ़ गया था.

1. आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाने से आपके होम और कार लोन जैसे अन्य कर्जों की ईएमआई बढ़ जाएगी। क्योंकि बैंक आम तौर पर बढ़ी हुई रेपो रेट का बोझ खुद झेलने की बजाय ग्राहकों पर डाल देते हैं।

2. रेपो रेट बढ़ने का असर आपके सेविंग बैंक अकाउंट और एफडी पर भी पड़ेगा। बैंक आपके सेविंग अकाउंट और सावधि जमा पर ब्याज दर बढ़ा सकते हैं।

3. लगातार बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए भी केंद्रीय बैंक रेपो रेट में बढ़ोतरी करके इसे काबू में करने की कोशिश करता है। रेपो रेट में ताजा बढ़ोतरी से उम्मीद की जानी चाहिए कि महंगाई को काबू में रखने में मदद मिलेगी।

4.अगर आप खुद पर ईएमआई का बोझ नहीं बढ़ने देना चाहते तो आपका बैंक पहले जितनी ही ईएमआई रखकर आपके लोन पीरियड को आगे बढ़ा सकता है। मतलब पहले जो लोन आपने 160 महीनों के लिए लिया था वह 162 या 165 महीने किया जा सकता है।

5. रेपो रेट बढ़ने से महंगाई को कम करने में मदद मिल सकती है। रिजर्व बैंक का मानना है कि ब्याज दर महंगा होने से मुद्रास्फीति की दर पर लगाम लगाई जा सकेगी।

6. रेपो रेट बढ़ने का असर औद्योगिक विकास पर भी पड़ सकता है। क्योंकि ब्याज दर उनके लिए भी महंगी हो जाएगी। अगर यह स्थिति लंबे समय तक रहती है तो आर्थिक विकास दर भी प्रभावित हो सकती है। इससे रोजगार के दर पर भी असर पड़ने की संभावना रहती है।

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