कुत्ते के आतंक से दहशत में लोग, 100 से अधिक लोगों को किया जख्मी
आरा,26 जनवरी. भोजपुर जिला मुख्यालय आरा किसी न वजह से चर्चा में रहता है लेकिन इस बार की चर्चा सुन आप भी हैरत में पड़ जायेंगे. जी हाँ इस बार आरा की चर्चा सरेआम होने का कारण एक कुत्ता है. चौंकिए मत! जिस कुत्ते को आजकल हर घर मे पालना, उससे इंसानों से ज्यादा प्यार बनाना स्टेटस सिंबल बन गया है उसी कुत्ते ने बुधवार की शाम लगभग 100 से अधिक लोगों को काट कर जख्मी कर दिया. कुत्ते ने बच्चे से लेकर युवक,युवतियाँ और बुजुर्गों तक को काटा है. मिली जानकारी के अनुसार सपना सिनेमा के पास रोड पर चलते लोगों को जब एक कुत्ते ने काटना शुरू किया तो दहशत मच गई.
अपने आप को लोग बचा पाते इतने में कुत्ते ने दो दर्जन लोगों को जख्मी कर दिया. यहाँ तक कि कुत्ते ने लोगों का मुंह तक नोच डाला. जब लोगों की भीड़ सदर अस्पताल में पहुँच इलाज करा रही थी तभी वहाँ लोगों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गयी और कुत्तों से घायल लोगों का केस 100 से ऊपर आ गया. कुत्ते द्वारा लोगों को काटने की यह सूचना सबके लिए अप्रत्याशित थी. मीडियाकर्मियों का जमावड़ा भी अस्पताल पहुँचते देर न लगी. अस्पताल में लोगों का इलाज कर रहे डॉ नवनीत कुमार ने बताया कि उन्होंने 100 से अधिक लोगों को कुत्ते से काटने के बाद फर्स्ट एड किया है.
घायल व्यक्तियों से पूछताछ के बाद पता चला कि उक्त कुते ने सबसे पहले आनंद नगर दहशत फैलाया, फिर सपना सिनेमा, करमन टोला और फिर नवादा होते हुए स्टेशन के इलाके के लोगों को काट घायल कर दिया. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो उक्त कुत्ता पागल है जो राह चलते लोगों को काटकर भाग जा रहा है. अभीतक कुत्ता पकड़ा नहीं गया है लेकिन 100 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर के बाद राह चलने वाले आरा वासी काफी दहशत में जी रहे हैं. 26 जनवरी और सरस्वती पूजा की वजह से मंदिर, ऑफिस और सगे-संबंधियों के घर जाना रहता है. ऐसे में अगर उनका सामना उक्त पागल करार कुत्ते से हो जाय तो पर्व का आंनद हॉस्पिटल पहुंचा सकता है. अब कुत्ता पागल है या नही ये तो उसके पकड़ने के बाद में पता चलेगा फिलहाल शहरवासियों के लिए एक दहशत का माहौल जरूर कायम हो गया है. आरा में आवारा कुत्तों की जनसंख्या में आई तेजी के लिए नगर निगम को अभियान चला इनकी नसबंदी करनी चाहिए. पटना नाउ शहरवासियों से अपील करता है कि बाहर घूमने वक्त कुत्ते से बचाव के लिए अपने साथ उपाय लेकर निकलें. सावधानी ही बचाव का उपाय है.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट