जीवन में सक्रिय रहना बेहद जरूरी है. अगर सक्रिय ना रहे तो कई बीमारियां शरीर में जन्म ले लेती हैं और फिर तो फिजियोथेरेपी ही एकमात्र विकल्प है. ये कहना है पटना एम्स के निदेशक डॉ प्रभात कुमार सिंह का. फिजियोथेरेपी दिवस के मौके पर पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी विभाग को बढ़ावा देने के लिए नए जल्द से जल्द अत्याधुनिक उपकरण मंगाया जाएगा.
कार्यक्रम की आयोजक फिजियोथेरेपिस्ट रीना श्रीवास्तव ने बताया कि फिजिकल एक्टिविटीज हर उम्र में जरूरी है. बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक यदि शरीर को सक्रिय रखा जाए तो बीमारियों से दूर रहा जा सकता है. यही नहीं दर्द से छुटकारा पाने और शरीर को सामान्य स्थिति में लाने के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है. घुटना या कूल्हा प्रत्यारोपण हो या फिर प्रसव के बाद या पेट और कार्डियक सर्जरी के बाद दर्द रहित सामान्य जीवनयापन में फिजियोथेरेपी की महत्वपूर्ण भूमिका है. एम्स में फिजियोथेरेपी सम्बंधी इन सभी समस्याओं का इलाज आधुनिक मशीनों द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हर रोज एम्स की फिजियोथेरेपी ओपीडी में 80 से 100 मरीज आते हैं.
AIIMS के डीन डाॅ.पीपी गुप्ता ने कहा कि हर उम्र में फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है, यह अस्पताल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस मौके पर चिकित्साधीक्षक डाॅ.एस.एस.गुप्ता ने भी फिजियोथेरेपी की महत्ता पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम में डाॅ.रामजी सिंह, डाॅ.नीरज अग्रवाल, डाॅ.बिन्दे कुमार, डाॅ.प्रेम कुमार, डाॅ.सीएम सिंह, डाॅ.संजीव कुमार, डाॅ.वीना सिंह, डाॅ.अनूप कुमार, डाॅ.सुदीप कुमार, डाॅ.योगेश, डाॅ.मुक्ता अग्रवाल, डाॅ.प्रीतांजलि सिंह, डाॅ.संजय पांडेय समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे. इस मौके पर लगभग 150 से अधिक मरीजों ने जागरूकता कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
पटना से अजीत