सरकार का बैंकवालों पर ‘तीसरी आंख’ से नजर
इंटेलिजेंस ब्यूरो ने तकरीबन 625 बैंकों का स्टिंग किया
सबसे अधिक गड़बड़ी निजी बैंकों में मिली
34 दिन बीत जाने के बाद भी हालात में सुधार नहीं
425 बैंकों में बैंककर्मी, व्यापारी और हवाला कारोबारी की मिलीभगत से करोड़ों के कालेधन को सफेद करने की कोशिश कैमरे में कैद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएमओ को स्टिंग के अहम बिंदुओं और विस्तृत रिपोर्ट को पब्लिक डोमेन में डालने को कहा है. ऐसा माना जा रहा है कि इन रिपोर्ट्स को पीएम मोदी आगामी रैलियों में आम जनता के समक्ष भी रख सकते हैं. सरकार इस कार्रवाई को गरीब के हित में भ्रष्ट लोगों के खिलाफ ऐक्शन के रूप में रखेगी.
रविवार देर रात पीएमओ ने तमाम स्टिंग टेप और आईबी की रिपोर्ट को विस्तार से देखकर इसे आगे की कार्रवाई के लिए वित्त मंत्रालय का भेज दिया है. स्टिंग में कई बैंक अधिकारियों के साथ बड़े व्यापारी और कुछ नेता भी पकड़े गये हैं जो ब्लैक मनी को सफेद करने की कोशिश करते दिख रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, स्टिंग में लगभग दो सौ से अधिक बैंक अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका सामने आई है.
सरकार के आदेश पर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने तकरीबन 625 बैंकों का स्टिंग किया था, जिसमें लगभग 425 बैंकों में बैंककर्मी, व्यापारी और हवाला कारोबारी की मिलीभगत से करोड़ों के कालेधन को सफेद करने की कोशिश कैमरे में कैद हुई है.पीएम नरेंद्र मोदी ने गुजरात में हुई रैली के दौरान संकेत दिया था कि सरकार बैंकवालों पर ‘तीसरी आंख’ से नजर रख रही है. दरअसल, नोटबंदी की घोषणा के बाद सरकार को ऐसी उम्मीद थी कि बड़े पैमाने पर कालाधान सामने आएगा. लेकिन ऐसा आरोप लगा कि बैंककर्मियों की मदद से बहुत सारे कालेधन को सफेद किया गया.
ऐसे में सरकार को शुरुआत में ही झटका लगा गया और उसे बीच में ही दोबारा डिस्क्लोजर स्कीम लानी पड़ी जिससे लोग पचास फीसदी टैक्स के काले धन को सफेद करा सकें. साथ ही आम लोगों को जहां तय सीमा के तहत भी नये नोट के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है, करोड़ों के नये नोट गलत तरीके से हवाला कारोबारियों तक पहुंच गये जिससे कि सरकार की किरकिरी हुई
वित्त मंत्रालय को उन्हें तत्काल नोटबंदी से जुड़े काम से अलग करने को कहा है लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई पूरी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद होगी. सूत्रों के अनुसार, सबसे अधिक गड़बड़ी निजी बैंकों में मिली है. पीएमओ ने वित्त मंत्रालय को सभी बैंकों के आलाधिकारियों को इन स्टिंग के बारे में जानकारी उपलब्ध करा देने को कहा है.
दरअसल, नोटबंदी की सफलता मोदी सकरार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. सरकार ने 50 दिनों के भीतर हालात सामान्य होने का वादा तो किया है लेकिन हकीकत है कि 34 दिन बीत जाने के बाद भी हालात में बहुत सुधार होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकारात्मक संदेश देना चाहेगी.