कोरोना का इलाज SBI में!
आरा,20 मई. कोरोना मरीजों को स्वस्थ्य लोगों से दूर रखने और उन्हें होम क्वारन्टीन या अस्पतालों में आइसोलेट रखने की बाते तो आपने सुनी होंगी लेकिन क्या आपने किसी कोरोना पेशेंट को अपने पास बुलाने की बात आपने सुनी है? नहीं न..? साँसे रुक गयी क्या आपकी! कोरोना पेशेंट को अपने पास बुलाने की घटना जिला मुख्यालय के SBI बैंक की है. इतनी बड़ी लापरवाही के बाद कोरोना का संक्रमण कहाँ तक फैलेगा इसका खुद अंदाजा लगाया जा सकता है. और एक कोविड पेशेंट को मदद पहुंचाने की बजाय प्रताड़ित करना जानलेवा भी हो सकता है.
SBI ने जेल रोड स्थित ब्रांच में अब कोरोना पेशेंट को बुलाना शुरू किया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस ब्रांच का एक कस्टमर कोरोना से पटना के एक निजी हॉस्पिटल के ICU में एडमिट हो जिंदगी की जंग लड़ रहा था. इलाज के दौरान खर्च हो रहे उसके पैसे के लिए उसकी पत्नी और लड़के पिछले 2 दिन से बैंक के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन बैंक अपने जिद पे अड़ा था कि पैसे के लिए पेशेंट(कस्टमर) को खुद आना पड़ेगा. बैंक कर्मियों व अधिकारियों को लाख समझाने के बाद भी कि कस्टमर कोरोना पॉजिटिव है, बैंक के अधिकारी नहीं माने. जब पेशेंट का पास बचे हुए सभी पैसे खर्च हो गए तो गुरुवार को उसे आखिरकार खुद पटना से आरा एम्बुलेंस से लाया गया. बैंक की इस लापरवाही से कितना बड़ा कोरोना विस्फोट हो सकता है ये किसी को अंदाजा नही.
कोरोना की चपेट में जिंदगी की जंग लड़ रहे कस्टमर के साथ स्टेट बैंक के ऐसे व्यवहार को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से जारी पूर्व की गाइडलाइंस के मुताबिक बैंकों को अपने कस्टमर को, वह भी जो ऐसी स्थिति से जूझ रहे हैं, उन्हें घर के दरवाजे तक सुविधा देनी चाहिए और महामारी के वक्त बैंक के ऐसे व्यवहार को लेकर जाहिर तौर पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. वैसे बैंक के नीचे एम्बुलेंस लगने के बाद लोगों के बीच यही चर्चा थी कि बैंक में लगता है कोरोना का इलाज चल रहा है.
आरा से आशुतोष की रिपोर्ट