बालू मक्खी से निजात के लिए प्रखंड स्तर तक होगा ये उपाय

कालाजार उन्मूलन के लिये जिले के चार प्रखंडों के छह गांव में होगा दवाओं का छिड़काव

15 जून से शुरू होगा SP पाउडर का छिड़काव, छिड़काव के लिये स्वास्थ्य कर्मियों को किया जा चुका है प्रशिक्षित




बक्सर,13 जून. क्या आप जानते हैं कि कलाजार एक मक्खी के जरिए फैलता है? जी हां! चौकिए मत! यह मक्खी है बालू मक्खी जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कलाजार को भोजन के जरिए फैलाती है. कालाजार को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति पूरी तरह से अलर्ट है.

इस रोग से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए त्वरित गति से विभाग उन्मूलन कार्यक्रम चला रहा है. इससे बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग लोगों को जागरूक कर रहा है साथ ही सिंथेटिक पैराथायराइड (SP) पाउडर का छिड़काव भी शुरू करने की योजना बना रहा है. इसके लिए सबसे पहले सदर प्रखंड के पड़री और छोटका नुआंव गांव को चयनित किया गया है. इन गांवों में घर-घर SP पाउडर का छिड़काव शुरू करने के लिये स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है. 15 जून से शुरू होने वाला यह अभियान, सात जुलाई तक चलाया जायेगा. इस दौरान जिले के चार प्रखंडों के छह गांवों में दवाओं का छिड़काव किया जायेगा. जिनमें सदर प्रखंड के उक्त दो गावों के अलावा नावानगर के मणियां पंचायत के मणियां व गिरिधर बरांव पंचायत के गिरिधर बरांव में अभियान चलाया जाएगा. साथ ही, सिमरी प्रखंड के बड़का राजपुर व चक्की प्रखंड के चंदा पंचायत के परसियां में भी अभियान चलेगा.

लगातार दो साल से मिल रहे हैं नये मामले

जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया, पिछले छह सालों में 2020 में कालाजार का एक भी मरीज नहीं मिला था, लेकिन 2021 से फिर से जिले में कालाजार के मामले सामने आने लगे. पिछले वर्ष सदर प्रखंड के छोटका नुआंव में पीकेडीएल का एक मरीज और इस वर्ष मार्च माह में पड़री में कालाजार के एक मरीज की पुष्टि हुई थी. इसके पूर्व वर्ष 2017 में चक्की के परसिया में एक मरीज मिला था. जिसके बाद 2018 में छोटका नुआंव में इसके 7 मरीजों, 2018 में गिरधरबरांव में एक, बड़का राजपुर में एक तथा पड़री में एक कालाजार का मरीज मिला था. वहीं, 2019 में इसका एकमात्र मरीज मणिया में मिला था

लक्षणों की पहचान होना जरूरी

वेक्टर जनित रोग सलाहकार राजीव कुमार ने बताया, लोगों में कालाजार के लक्षणों की पहचान होना बहुत जरूरी है. कालाजार एक वेक्टर जनित रोग और संक्रमण वाली बीमारी है जो परजीवी लिस्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है. जिसका असर शरीर पर धीरे-धीरे पड़ता है. कालाजार का यह परजीवी बालू मक्खी के जरिये संक्रमित एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. इस रोग से ग्रस्त मरीज खासकर गोरे व्यक्तियों के हाथ, पैर, पेट और चेहरे का रंग भूरा हो जाता है. उन्होंने बताया कि रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लीवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली और होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं. इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है.

बक्सर से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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