बजरंगबली से ही भिड़ गयी भीम सेना

By om prakash pandey Apr 4, 2018

मंदिर को बंद कराने के लिए भी भिड़े भीम समर्थक, मारपीट में तीन जख्मी

मठिया स्थित बजरंगबली का मंदिर जहां मंदिर को बंद कराने के लिए भिड़े थे भीम सेना समर्थक

अभी तक आपने प्रतिरोध के रूप में दुकानें और शहर को बंद कराते देखा या सुना होगा लेकिन क्या कभी मंदिर को बंद कराते सुना है? अगर नही तो जानिए कि यह अजूबा और बेढंगा असफल कोशिश आरा में भारत बंद के दौरान बन्द समर्थकों ने किया. आरा मठिया मोड़ स्थित महावीर मंदिर के पास से जब भीम सेना और उनके समर्थक वहां से गुजरे तो मन्दिर में पुजारी को देख मन्दिर का चैनल बन्द करने लगे.




घटना के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए खड़ी पुलिस जीप

इसपर जब मन्दिर के पुजारी ने प्रतिकार किया तो उनसे नोक-झोंक करने लगे. फिर क्या था आस-पास के लोग भीम सेना के इस करतूत पर आग-बबूला हो गए और फिर टकराव हो गया जिसमें 3 लोगों को चोटें आयीं. स्थानीय लोगों के फोन करने के बाद नगर पुलिस वहां पहुंच शाम तक एक गश्ती जीप को सुरक्षा के लिए लगाया. इस घटना के बाद जब नगर थनाध्यक्ष से पटना नाउ ने बात की तो उन्होंने ऐसी किसी भी मारपीट और घटना से सीधे इनकार किया.

मंदिर के पुजारी चंदेश्वर दुबे मीडिया से मुखातिब होते

जबकि मन्दिर के पुजारी चन्देश्वर दुबे ने इस घटना की पुष्टि की और उन्होंने बताया कि उपद्रवियों ने उन्हें अंदर धकेल चैनल बन्द कर दिया. जिसे स्थानीय लोगों के आने के बाद मंदिर का चैनल खोला गया.

पत्रकार से बदसलूकी, मोबाईल छीना


बड़ी मठिया के पास ही बंदी में शामिल लोगों ने कवरेज कर रहे एक स्थानीय न्यूज चैनल के पत्रकार से भी बदसलूकी की. भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने कवरेज कर रहे स्थानीय पत्रकार को वीडियो रिकॉर्डिंग करने से रोका और फिर उसका मोबाइल भी छीन लिया. कार्यकर्ताओं ने इस घटना के बाद बड़े हंगामे के डर की वजह पत्रकार का मोबाइल कुछ देर में वायस दे दिया. लेकिन भीम सेना के समर्थकों की यह धौंस सरेआम गुंदागर्दी को प्रदर्शित करता है. कानून से कानूनी सुरक्षा क्या इसी गुंडागर्दी के जरिये मिलता है? ऐसे में कानून पत्रकारों को कौन सी सुरक्षा देगी यह देखना दिलचस्प होगा क्योंकि ऐसे ही मनचलों और गुंडों की वजह से हाल ही में दो पत्रकारों की जान गई है. इस घटना के बाद जिले के सभी पत्रकार भीम सेना पर आक्रोशित हैं.

आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट

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