अपडेट: नई नियमावली के तहत नियुक्ति प्रक्रिया के लिए विभाग ने जिलों से मांगी वैकेंसी

पटना।। शिक्षा विभाग ने नव अधिसूचित विद्यालय अध्यापक सेवा शर्त नियमावली 2023 के तहत सातवें चरण की बहाली के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र जारी करते हुए जिलों से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर विषयवार रिक्तियों की संख्या 20 अप्रैल तक भेजने का निर्देश जारी किया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जिला परिषद और नगर निकाय नियोजन इकाइयों 10 अप्रैल के बाद उपलब्ध माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों की रिक्तियों की संख्या और जिला में अब तक नहीं आवंटित की गई विषयवार शिक्षकों की रिक्तियां भी 20 अप्रैल तक मांगी हैं. इस बार की बहाली में सबसे खास बात यह होगी कि सिर्फ बिहार के स्थायी निवासी ही अब बिहार में शिक्षक बन पाएंगे.

आपको बता दें कि सभी नियोजन इकाइयों से रिक्तियों की जानकारी शिक्षा विभाग लेगा. फिर जिलावार रोस्टर क्लियरेंस के बाद आरक्षण कोटिवार अधियाचना आयोग को भेजी जायेगी. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में वक्त लग सकता है क्योंकि नए सिरे से ना सिर्फ पदनाम के साथ पे स्केल तय करना है बल्कि उसके लिए तमाम अन्य तैयारियां भी विभाग को करनी हैं. विद्यालय अध्यापक का वेतनमान तय करने की जिम्मेदारी वित्त विभाग की है जबकि बीपीएससी को परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुशंसा भेजने का काम सामान्य प्रशासन विभाग करेगा.




आपको बता दें कि शिक्षा विभाग ने विद्यालय अध्यापक के नाम से शिक्षक के नए पद का सृजन किया है जो जिला कैडर का होगा. नई बहाली में शिक्षक अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक परीक्षा पास करनी पड़ेगी जिसके बाद वे राज्यकर्मी के रूप में बतौर शिक्षक नियुक्त होंगे. वही पहले से काम कर रहे तीन लाख से ज्यादा शिक्षकों को राज्यकर्मी बनने के लिए आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी पड़ेगी जिसके लिए उन्हें तीन बार अवसर मिलेगा. हालांकि पुराने शिक्षक नई सेवा शर्त नियमावली का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पत्र से स्पष्ट है कि रिक्तियों की संख्या मार्च 2023 तक के आधार पर ली जायेगी. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में प्राथमिक विद्यालयों से ज्यादा रिक्तियां माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हैं. जानकारी के मुताबिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 134000 से ज्यादा रिक्तियां हैं जबकि लगभग 80000 रिक्तियां प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में हैं. ऐसे में कुल सवा दो लाख से ज्यादा पदों के लिए सातवें चरण में अभ्यर्थियों को शामिल होने का मौका मिलेगा.

वर्तमान में माध्यमिक शिक्षक से ज्यादा रिक्तियां उच्च माध्यमिक शिक्षक की हैं. माध्यमिक विद्यालयों में स्वीकृत शिक्षकों की संख्या 76648 है. इसमें से 44193 पद खाली हैं. इसी तरह उच्च माध्यमिक में शिक्षकों के स्वीकृत कुल पदों की संख्या 101702 है. इसमें से 99734 पद खाली पड़े हैं. इधर छठे चरण के तहत लगभग 43000 शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में 80000 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं.

उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में हैं सबसे ज्यादा पद खाली

क्या कहते हैं अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि कैबिनेट से अप्रूवल मिलने के बाद विभाग ने सातवें चरण की नियुक्ति की तैयारी शुरू कर दी है. सभी जिलों से रिक्तियों की संख्या मांगी गई है. सेवा शर्त 2023 के मुताबिक अब किसी नियोजन इकाई को नई बहाली करने का अधिकार नहीं है. नियोजन इकाइयों से पद सरेंडर करने के बाद उन्हें नये संवर्ग में बदल दिया जायेगा. विभाग ने वित्त विभाग को विद्यालय अध्यापक के पद के लिए वेतनमान तय करने को लिखा है.

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By dnv md

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