1 दिसंबर 1997 को हुआ था नरसंहार
58 लोगों की हत्या का मुख्य आरोपी बरी
बाथे में हुआ था सामूहिक नरसंहार
16 को फांसी और 10 को आजीवन कारावास की मिली थी सजा
मरने वालों में 27 महिलाएं और 16 बच्चे भी शामिल थे
करीब दस महिलाएं गर्भवती भी थीं उनको भी मारी गई थी गोली
जब गर्भवती महिलाओं पर चली थी गोलियां, लाशें देख कांप उठा था देश
देश में चर्चित रहे नरसंहार में बाथे नरसंहार में 58 लोगों की निर्ममता से सामूहिक हत्या कर दी गई थी.यह घटना 1997 में अरवल के बाथे गांव में हुईं थी. इस घटना में 16 को फांसी और 10 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.इस नरसंहार में 46 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. 58 लोगों की निर्मम हत्या का मुख्य आरोपी भी आज अदालत से भी बरी हो गया. कई अभियुक्त सबूत के आभाव में पहले ही बरी हो गए थे. इस घटना पर भाकपा माले ने कई सवाल खड़े किए है. आपको बताते चले कि लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार 1997 में हुआ जिसमें दलितों के पूरे गांव में हिंसा का तांडव मचा था. इल्जाम रणबीर सेना पर लगा था लेकिन इस हत्याकांड के आरोपी अदालत से बरी हो गए थे. लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार के साथ अलग अलग वक्त पर हुए बथानी टोला नरसंहार, शंकर बिघा नरसंहार, मियांपुर नरसंहार, सरथुआ नरसंहार और इकवारी नरसंहार में कुल मिलाकर बच्चों और महिलाओं समेत 144 लोगों को मार दिया गया था.मरने वालों में 27 महिलाएं और 16 बच्चे भी शामिल थे। उन 27 महिलाओं में से करीब दस महिलाएं गर्भवती भी थीं।