ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के व्यवस्थित परिचालन की योजना तैयार, आप भी दे सकते हैं आइडिया

राज्य के शहरी क्षेत्रों में ऑटो और ई रिक्शा परिचालन के लिए बनी कार्य योजना

सड़क सुरक्षा, बेहतर यात्री सुविधा एवं शहर को जाम मुक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य के विभिन्न प्रमंडलों एवं जिला मुख्यालयों (यथा पटना एवं अन्य शहरी क्षेत्र) में ऑटो रिक्शा/ई रिक्शा के परिचालन को विनियमित करने के लिए परिवहन विभाग द्वारा कार्य योजना तैयार की गई है. परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि इस नई पहल का उद्देश्य न केवल शहरों को जाम मुक्त बनाना है, बल्कि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन सेवा प्रदान करना है। साथ ही वाहन चालकों को भी काफी मदद मिलेगी.




योजना लागू करने के लिए मांगे गये आपति/सुझाव

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस कार्य योजना की स्वीकृति कैबिनेट से मिल गई है. योजना को लागू करने के लिए आपति एवं सुझाव मांगे गये हैं. 30 दिनों तक परिवहन विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा. इसके बाद प्राप्त आपत्ति/सुझाव के आलोक में निर्णय लिया जायेगा.

ई रिक्शा चालकों को मिलेगा वैधानिक अधिकार

ऑटो और ई रिक्शा रेगुलेशन योजना लागू होने से ई रिक्शा चालकों को ई रिक्शा परिचालन के लिए एक वैधानिक अधिकार मिल जायेगा. ई रिक्शा का परमिट सिस्टम नहीं होने से आये दिन उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ई रिक्शा चालकों को शहर में वाहन चलाने का लाईसेंस और पहचान पत्र भी दिया जायेगा.

ऑटो और ई रिक्शा का परिचालन हो सकेगा व्यवस्थित

परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस नीति के लागू होने से राज्य के शहरों में ऑटो रिक्शा एवं ई रिक्शा का व्यवस्थित परिचालन हो सकेगा. इसके साथ ही जाम की समस्या से भी निजात मिल सकेगी. इसके साथ ही यात्रियों की सुरक्षित यात्रा, सड़क दुर्घटनाओं में कमी एवं ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के पार्किंग स्थल एवं ठहराव स्थल का निर्धारण होने से यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध हो सकेगी.

ऑटो एवं ई रिक्शा के रुटों को जोन में बांट होगी कलर कोडिंग

यातायात व्यवस्था को सुगम एवं सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा के सभी रूटों को जोनों में विभाजित करते हुए प्रत्येक जोन के लिए अलग-अलग कलर कोड निर्धारित किया जायेगा. जोन एवं रूट का निर्धारण करते समय इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि सभी स्तर के रूटों को समाहित करते हुए आवश्यकतानुसार विभाजित किया जायेगा, ताकि यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने में सुविधा हो सके.

Vehicle carrying capacity के अनुसार ही ऑटो/ई रिक्शा का निबंधन होगा

सड़कों की Vehicle carrying capacity के अनुसार ही ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा का निबंधन किया जायेगा. इसके कुल संभावित निर्धारण क्षमता का निर्धारित प्रतिशत रिजर्व ऑटो/ई-रिक्शा के लिए सुरक्षित रहेगा. राज्य के प्रमंडलों एवं जिला मुख्यालय (यथा पटना एवं अन्य शहरी क्षेत्र) में रिजर्व ऑटो के तहत परिचालित ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा पर अलग कलर कोड का स्टीकर अथवा पेंट अंकित किया जायेगा.

एग्रीगेटर को भी लेना होगा लाइसेंस

बिहार टैक्सी एग्रीगेटर परिचालन निदेश, 2019 के अंतर्गत अधिकृत सेवा प्रदाताओं को भी ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के परिचालन हेतु उक्त योजना के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा.

QR code भी किया जायेगा विकसित

भविष्य में QR code भी विकसित करने पर परिवहन विभाग कार्य करेगा. ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा पर QR code अंकित किये जाने से QR code को स्कैन करने पर ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा एवं चालक से संबंधित सभी जानकारियाँ ट्रैफिक, अन्य प्रवर्तन पदाधिकारियों एवं सवारियों को सुविधापूर्वक प्राप्त हो जायेगा

पार्किंग के चिन्हित किये जायेंगे स्थल

निर्धारित प्रत्येक जोन में रूटों का tagging करते हुए आवश्यकतानुसार संबंधित निकायों के समन्वय से ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित किया जायेगा. ऑटो रिक्शा एवं ई0-रिक्शा को संबंधित जोन एवं रूट के साथ पुलिस थानों का tagging किया जायेगा.

प्रमंडलीय मुख्यालय जिलों में प्रमंडलीय आयुक्त होंगे नोडल पदाधिकारी

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रमंडलों के मुख्यालय वाले जिलों में नोडल पदाधिकारी संबंधित प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त-सह-अध्यक्ष, क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार होंगे तथा जिलों में संबंधित जिले के जिला पदाधिकारी होंगे.

जिले के डीएम होंगे समिति के अध्यक्ष

ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा वाहनों की संख्या, जोन, रूट के निर्धारण एवं इस योजना के क्रियान्वयन के लिए जिलों में कमेटी गठित की जायेगी. कमेटी के अध्यक्ष संबंधित जिले के जिला पदाधिकारी होंगे.

ऑटो/ई रिक्शा रेगुलेशन के मुख्य फायदे:-

  • ऑटो रिक्शा एवं ई-रिक्शा का व्यवस्थित ढंग से परिचालन हो सकेगा।
  • ऑटो रिक्शा/ई-रिक्शा के कारण होने वाले जाम की समस्या का भी निदान हो सकेगा।
  • निर्धारित रुट पर निर्धारित ऑटो एवं ई रिक्शा के परिचालन से यात्रियों को सही समय पर सेवाएं मिलेगी एवं उनकी सुविधा सुधार हो सकेगा।
  • वाहनजनित प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा।
  • क्षमता के अनुसार यात्रियों को बैठाने से यात्रियों की यात्रा सुरक्षित होगी एवं उनके जान-माल की रक्षा हो सकेगी।
  • महिला यात्री कर सकेंगी सुरक्षित यात्रा।
  • संख्या निर्धारित रहने के कारण ऑटो/ई रिक्शा चालकों की आमदनी बढ़ेगी

pncb

By dnv md

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