आरा,8 अक्टूबर.10 दिवसीय रामलीला का समापन आज रावण-बध के साथ रमना मैदान आरा में हो गया. रामलीला समिति ने इस मौके पर विशालकाय लगभग 25 फीट के रावण का पुतला बनाया था. रावण के विशालकाय पुतले को भोजपुर DM, SP और DDC ने अग्निवाण से वेध उसका अंत कीर दिया. बुराई का प्रतीक रावण आग की लपटों में देखते ही देखते घिर गया और फिर पटाखों की धमाकों में धू-धू कर जल गया. रावण के पुतले के जलने के साथ ही उपस्थित दर्शकों की ओर से कइ बार-बार जय श्रीराम के जयघोष से वातावरण राममय हो गया.
भोजपुर जिले में रामलीला का इतिहास 400 साल पुराना है, जिसकी कमिटी भी उतनी ही पुरानी है. बस लोग बदलते गए. यहां पिछले 400 सालों से रामलीला का मंचन होते आ रहा है. राम रामलीला के माध्यम से भगवान रामचंद्र के त्याग, बलिदान, पिता आदेश ,भ्राता प्रेम की देखने एवं आचरण संस्कार ग्रहण करने को प्रेरणा मिलता है. बुराई पर अच्छाई की जीत का यह पर्व बुराई से दूर रहने की प्रेरणा देता है.
रावण का अंत प्रतीक है हर बुरा का अंत होता है. आरा रामलीला समिति के अध्य्क्ष प्रेम पंकज समेत समिति के कई वरीय सदस्य समेत इस विहंगम दृश्य को देखने के लिए जिले भर से जग उपस्थित लोगों की भारी भीड़ इक्कठी थी.
लोगो की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी तथा स्थल पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी का भी इंतजाम किया गया था. लेकिन इसके बावजूद भी शहीद भवन से रावण दहन स्थल तक भारी भीड़ के कारण जाम की स्थिति बनी हुई थी.
आरा से ओ पी पांडेय की रिपोर्ट