देवताओ की विदाई के साथ ही श्रद्धा संवर्धन 51कुंडीय गायत्री महायज्ञ का हुआ समापन
10 हजार लोगों ने किया यज्ञ
आपसी धक्का-मुक्की से अनियंत्रित हुई महिलाएं, कार्यकर्ताओ ने संभाली स्थिति
अश्लीलमुक्त समाज, दहेज मुक्त विवाह और नशा-व्यसनों से परहेज सम्बंधित कई पोस्टरो ने किया आकर्षित
Patna now Exclusive
आरा, 17 मार्च. 13 मार्च से कलश यात्रा के साथ प्रारंभ हुए श्रद्धा संवर्धन 51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का समापन देवताओं की विदाई के साथ हो गया. रमना मैदान में चल रहे गायत्री महायज्ञ में आरा और आसपास के इलाकों से भारी संख्या में लोगों का हुजूम उमड़ा. प्रातः 8:00 बजे से 12:00 बजे तक बजे तक चलने वाले इस यज्ञ में लगभग 10 हजार महिलाओं और पुरुषों ने यज्ञ हवन किया. यज्ञ में शामिल होने वालों में महिलाओं का प्रतिशत अधिक था.
यज्ञ के बाद दिन में संस्कार पद्धतियों यथा, यज्ञोपवित संस्कार,नामकरण संस्कार सहित गुरुमंत्र धारण जैसे कई संस्कारिक पद्धतियों में सैकड़ो लोगों ने भाग लिया और संस्कारों को सम्पन्न कराया. देवताओं के आह्वान से प्रारम्भ हुआ 51 कुंडीय गायत्री यज्ञ के आखिरी दिन देवताओं की सामूहिक विदाई के साथ बाहर से आये लोगों को भो आदरपूर्वक विदाई दी गयी. विदाई के बाद सामूहिक भोज भी लोगों ने किया. विदाई के समय बाहर से आये परिवाज्रको आरा में प्राप्त स्नेह से भाउक हो गए. उन्होंने भोजपुरी में सम्बोधन किया और कहा कि “बिदाई में रहे बा सबके…छोड़े के मन नइखे करत एह से कि डर लगता कि रउआ सभे हमरा छोड़ के चल जाइब.”
यज्ञ के इस कार्यक्रम में गायत्री परिवार आरा के मुख्य संरक्षक सच्चिदानंद सिंह, मुख्य ट्रस्टी रामाधार सिंह, गायत्री परिवार रमना के संरक्षण लक्ष्मण प्रसाद, ट्रस्टी सदस्य निर्मल प्रसाद नरेंद्र एवं कार्यकर्ता मनीष, निशांत, जितेंद्र, सुमन, और रामेश्वर की देखरेख में में कई गायत्री परिवार से जुड़े सदस्यों द्वारा किया जा रहा है.
यज्ञ स्थल पर नशा उन्मूलन से सम्बंधित कई पोस्टर यज्ञ मंडप के पंडालों में लटक रहे थे जो आने वालों को आकर्षित कर रहे थे और उसे पढ़ने के बाद लोगों के अंदर कुछ देर आत्ममंथन चलता था जो नशा के प्रति घृणा का भाव पैदा करता था.
दहेज मुक्त विवाह और अश्लीलता से समाज मे फैलते बुराइयों को भी पोस्टरों में दिखाया गया था. बताते चलें कि अम्बा ने भी गायत्री परिवार के ससथ जुड़कर भी पिछले पिछली बार यज्ञ स्थल पर लोगों से अश्लीलता के खिलाफ लोगों को शपथ दिलाई थी. पुस्तक स्टाल पर सैकड़ो संस्थान द्वारा प्रकाशित किताबें प्रदर्शित की गई थी जिसकी खूब बिक्री रही लोगों ने बढ़ चढ़कर किताब खरीदे. धार्मिक संस्कार, स्वस्थ,हस्तकरघा, सात्विक भोजन, योग, ध्यान सहित वेद और पुराणों के किताब भी लोगों ने पसन्द की और अपने घरों में ले गए. इसके अलावें कई तरह की अंगूठियों और रत्नों को भी लोगो ने आकर्षित किया और लोग उसे खरीदते दिखे लेकिन सबसे ज्यादा गूगल धूप और गूगल अगरबत्ती को खोजते लोग दिखे. लोगों का कहना था कि शुद्ध रूप से गायत्री परिवार के उत्पादों की वजह से वे इसके कायल हो गए हैं क्योंकि मार्केट में तो शुद्ध मीले इसकी कोई गारंटी नही है.
जब लोग हो गए अनियंत्रित
यज्ञ के दौरान धक्का मुक्की में कई लोग गिरे
यज्ञ में हवन के लिए शामिल होने के लिए कतार में लगी महिलाओं ने जल्द से अपनी जगह लेने के चक्कर मे पहली पारी से लोगों के निकलने के बाद, दूसरी पारी में जाते वक्त इतना धक्का मुक्की किया कि बांस का बेड़ हिलने लगा और कई महिलायें धक्के के वजह से अनियंत्रित हो गिर पड़ी. फिर श्रमसेवको ने दौड़ बांस के बेड़े को मजबूती से पकड़ स्थिति सम्भाला. हालांकि कोई हादसा या चोट की नौबत नही आई पर गोद मे बच्चे लेकर आये कई लोगो को काफी कठिनाई झेलना पड़ा. बच्चे का रोते रोते बुरा हाल था.
आरा से ओ पी पांडेय व अपूर्वा की रिपोर्ट