पटना, 12 मार्च. देश के कई राज्यों में अपनी दस्तज के बाद बिहार की राजधानी पटना में भी H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस की एंट्री हो चुकी है. राजधानी पटना में पहला मामला
RMRI (राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट) में हुई जांच में सामने आया है, जहाँ एक महिला इससे संक्रमित पायी गयी है. बिहार में यह यह पहला मामला है. OPD में इस महीने 21 सैंपलों की जांच हुई, जिसमें एक सैंपल पॉजिटिव पाया गया है.
मौसम बदलने के साथ ही पिछले कुछ दिनों में बच्चों में खांसी, जुकाम, बुखार और दस्त के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. ये मामले लगभग दोगुने हो गये हैं. ये मामले मुख्य रूप से H3N2 के कारण हैं, जो H1N1 का एक नया प्रकार माना जा रहा है. लेकिन संरचनात्मक रूप से भिन्न है. नये वैरिएंट पर इम्युनिटी और वैक्सीनेशन का ज्यादा असर नहीं है. हालांकि, डॉक्टरों की परामर्श है कि किसी को एंटीबायोटिक्स लेने की जरूरत नहीं है. बल्कि मौसमी फल और गुनगुना पानी और साफ-सफाई का ध्यान रखकर ही इससे बचा जा सकता है. खांसी ठीक होने में दो से तीन सप्ताह लग सकते हैं.
देश में तेजी से पांव पसार रहे इस वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को पत्र लिख अधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी है.
शुक्रवार को एक मीटिंग के बाद केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी के बाद बिहार में भी H3N2 इन्फ्लुएंजा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गयी है. जारी एडवाइजरी कहा गया है कि इस वायरल संक्रमण के मामलों में एंटीबायोटिक मददगार नहीं होगी. ऐसे रोगियों को एंटीबायोटिक दवाओं के बजाय मौसमी फलों के साथ स्वस्थ आहार लेना उचित रहता है. गुनगुने पानी का उपयोग करना लाभप्रद रहेगा. ऐसे रोगियों को बस स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए.
PNCB