पटना । सम्राट अशोक ट्रॉपिकल डिजीज रिसर्च सेंटर का उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी.नड्डा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे समेत कई गणमान्य लोगों ने किया. अशोक ट्रॉपिकल डिजीज रिसर्च सेंटर हॉस्पिटल में फ़िलहाल 150 वार्ड हैं जिसमें कालाजार, एड्स, समेत कई प्रमुख रोगों का ईलाज सम्पन्न होगा.
सम्राट अशोक ट्रॉपिकल रोग अनुसंधान केंद्र पटना शहर के राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस), अगमकुआ में 100 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता के साथ बनाया गया है.
यह केंद्र पूर्वी क्षेत्र में अपनी तरह का दूसरा ऐसा केंद्र होगा. इंस्टीट्यूट डायरेक्टर दास के अनुसार तापमान, जलवायु और अन्य कारणों के कारण उष्णकटिबंधीय बीमारियां एक विशिष्ट क्षेत्र में प्रचलित या स्थानिक होती हैं. इसलिए नए केंद्र में अनुसंधान किया जाएगा और कालाजार, मलेरिया, डेंगू और जापानी एन्सेफलाइटिस, एचआईवी संक्रमण, एड्स और तपेदिक जैसे रोगों के लिए उपचार उपलब्ध कराया जायेगा. आरएमआरआईएमएस के अध्ययन के मुताबिक राज्य में करीब 13 फीसदी लोग इन रोगों से पीड़ित हैं.
इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को पटना में एम्स को सक्षम करने के लिए और बिहार में एक अन्य अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लेने के लिए धन्यवाद दिया.
बिहार के मुख्यमंत्री ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा की “प्रिवेंटिव” स्वास्थ्य नीति को अपनाने के लिए सराहना की जो कि स्वच्छ भारत अभियान जैसे उपायों में प्रतिबिंबित हुई थी.
‘सम्राट अशोक ट्रॉपिकल डिसीज रिसर्च सेंटर’ गंभीर संक्रामक रोगों के उपचार में मील का पत्थर साबित होगा. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने, जो इस अवसर पर मौजूद थे, कहा इसमें 150 बिस्तर हैं, जिनमें गहन देखभाल इकाई (ICU) के लिए छह शामिल हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि यह केंद्र एकल छतरी के अंतर्गत क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न उष्णकटिबंधीय रोगों से पीड़ित रोगियों के लिए अनुसंधान और तृतीयक स्तर के उपचार के लिए अत्याधुनिक केंद्र होगा.
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(पटना से अरुण कुमार)