किसानों की आय बढ़ाने में मिलेगी मदद : डॉ आनंद अभिषेक

पिलानी में हुआ एग्रीवोल्टिक्स प्लांट का उद्घाटन

10 किलोवाट डीसी माइक्रोग्रिड-आधारित एग्रीवोल्टिक्स हैं प्लांट

कृषि और बिजली उत्पादन के उपयोगी होगा सिस्टम

फसलों को न्यूनतम छाया के साथ अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पादन कर सके

पिलानी

फसलों को न्यूनतम छाया के साथ अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पादन कर सके. इसके तहत सालाना लगभग 15,000 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है और पैनलों के नीचे की मिट्टी का तापमान 5°C से 10°C तक कम हो सकता है, जिससे फसलों की वृद्धि में मदद मिलती है. ये बातें सीएसआईआर के वैज्ञानिक डॉ आनंद अभिषेक ने कहीं.

उन्होंने कहा कि सीएसआईआर-केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिकी अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीरी), पिलानी के वैज्ञानिकों ने 10 किलोवाट डीसी माइक्रोग्रिड-आधारित एग्रीवोल्टिक्स प्लांट तैयार किया है जो न केवल ऊर्जा बचत में उपयोगी होगा बल्कि कृषि उत्पादन में वृद्धि के द्वारा किसानों की आय बढ़ाने में भी मददगार होगा.

इस परियोजना के वैज्ञानिक डॉ आनन्द यह एपीवोल्टिक्स प्रणाली, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित परियोजना के अंतर्गत सीएसआईआर-सीरी द्वारा विकसित की गई है. संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह तकनीक कृषि भूमि के दोहरे उपयोग के लिए सौर-फोटोवोल्टिक आधारित डीसी माइक्रोग्रिड का लाभ उठाती है, जिससे किसानों को खेती के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन का भी अवसर मिलता है.

डॉ आनन्द ने कहा कि सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता में कमी प्रमुख हैं. विकसित प्रणाली को इस तरह से अनुकूलित किया गया है कि यह फसलों को न्यूनतम छाया के साथ अधिकतम सौर ऊर्जा उत्पादन कर सके. इसके तहत सालाना लगभग 15,000 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकता है और पैनलों के नीचे की मिट्टी का तापमान 5°C से 10°C तक कम हो सकता है, जिससे फसलों की वृद्धि में मदद मिलती है. इस प्रणाली की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तकनीक भारत के छोटे और मध्यम किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है. यह सोलर पैनलों के माध्यम से बिजली उत्पादन के साथ-साथ उनके कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा देती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी.

एग्रीवोल्टिक्स प्लांट का उद्घाटन किया 72वें स्थापना दिवस पर संस्थान ने यह उल्लेखनीय तकनीकी उपलब्धि हासिल की है. इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर चंद्रभास नारायण, निदेशक, राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (आरजीसीबी), तिरुअनंतपुरम द्वारा 10 किलोवाट डीसी माइक्रोग्रिड-आधारित एग्रीवोल्टिक्स प्लांट का उद्घाटन किया गया. प्रोफेसर चंद्रभास नारायण ने इस प्लांट की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एग्रीवोल्टिक्स तकनीक न केवल ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म देगी, बल्कि भारत के छोटे किसानों के लिए भी समृद्धि का एक नया मार्ग प्रशस्त करेगी.

प्रोफेसर नारायण ने इस प्लांट के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित सीएसएमसीआरआई-भावनगर के निदेशक डॉ कन्नन और आईआईआईएम-जम्मू के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पंचारिया एवं शोधकर्ता वैज्ञानिक डॉ आनंद अभिषेक, अनिर्बान बेरा और उनकी टीम की सराहना की थी . डॉ आनन्द अभिषेक के पिता बनस्पति शास्त्र के वरिष्ठ प्रोफ़ेसर डॉ बिनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि डॉ आनंद ने कई ऐसे कार्य कम उम्र में किये हैं जिस पर सभी को गर्व है.

PNCDESK

By pnc

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