दीपावली के शुभ संध्या में आरा यूथ ग्रुप के माध्यम से आरा रेलवे परिसर में करीब 40 फिट का रंगोली बनाया गया.
2012 के लगभग आरा यूथ ग्रुप यहां रंगोली बनाने का कार्यक्रम कर रही है और इस दिवाली सम्भवत: बिहार की सबसे बड़ी रंगोली आरा में इस ग्रुप ने बनाई है. आरा यूथ ग्रुप रंगोली के माध्यम से स्टेशन की शोभा बढ़ाने के साथ-साथ स्टेशन पर दिन-रात गुजारने वाले गरीब ,असहाय लोगो के अपने साथ सम्लित करना भी था क्योकि वो लोग अपने घर से बेघर है , और आरा यूथ ग्रुप के संस्थापक आदित्य अतुल का कहना है की आरा हमारी मातृभूमि है और आरा स्टेशन आरा का मुख्य द्वार.
दीपावली में सभी अपने घरों को सजाते है ताकि वो सुंदर दिखे और आरा का मुख्य द्वार स्टेशन को सजाने का कार्य हम और हमारी टीम करीब 2012 से कर रही है ताकि ट्रैन यात्री दिवाली के दिन आरा की भव्यता , संस्कृति को रंगोली के माध्यम से देख पाए. आरा की तरफ से जाने वाली ट्रैन जितनी देर आरा रूकती है उतनी देर में आरा युथ ग्रुप की टीम उनके पास जाकर दिवाली की शुभकामयाने भी देती है और मिठाई भी। आदित्य का कहना है जिस तरह से मातृ ऋण ,पितृ ऋण और गुरु ऋण है उसी तरह से मातृभूमि ऋण भी है यदि हम अपनी कर्मभूमि की सेवा करते है इसमे कोई हैरानी की बात नहीं है.
दीपावली वाले दिन गरीब, जरूरतमंद, रेलकर्मी एवं यात्रि लोगों के बीच मिठाइयां बांटी गई . रेलकर्मी स्टेशन मास्टर साहिबा खुशबू कुमारी ने प्रथम दीप जलाकर इस कार्यक्रम को आगे बढाई.
हम आपको बता दें की आरा यूथ ग्रुप ने दीपावली से एक दिन पूर्व में इसी सार्थक दीपावली कार्यक्रम के तहत गाँधी कुष्ट आश्रम जमीरा में जाकर मिठाई , कपडे ,मोमबत्तियां और भी बहुत सारी चीजों को वितरित किया. वहां के बारे में आरा युथ ग्रुप बता रही है की छोटे मासूम बच्चों की खुशी समाज के कुछ अभिशापों के कारण हमारे ही समाज से दूर हो गई हैं. इनकी ख़ुशी,इनकी किलकारियां एक छोटी सी बस्ती में ही सिमट कर रह गई क्योंकि इनके परिजन कुष्ट रोग से पीड़ित है. इन कुष्ट रोगियों के लिए नगर निगम समाज से सुदूर इलाके में एक छोटी सी बस्ती मुहैया कराई है जहां जाना थोड़ा कठिन है. इनकी बस्तियों में गिनी-चुनी कुछ झोपड़ियां है और दूर-दूर तक सिर्फ खेत ही खेत है. रास्ता पगडंडीनुमा है और बिजली की कोई ख़ास सुविधा नहीं है. ये जगह जमीरा में स्थित है गाँधी कुष्ट आश्रम के नाम से. यहां के इलाके के बारे में सोचने पर यही चिंता होती है की मुसीबत में इनकी मदद कौन करेगा यहां ? न तो पक्की सड़क है और न ही बजली। जरूरत पड़ने पर ना ही एम्बुलेंस आ सकती है और ना ही फायर ब्रिगेड। इस बस्ती के साथ और भी बहुत सारी समस्यां है पर उनके दुखों को इस त्यौहार में कम करने के लिए आरा यूथ ग्रुप उनके पास पहुंची और दिवाली उनके साथ पूरी मस्ती के साथ मनाई. बच्चों की ख़ुशी सच में बहुत ही मंत्रमुग्ध करने वाली थी. उनकी आँखों में अजब ही ख़ुशी थी ये जानकर की उनके लिए आज कुछ मिठाइयां और कपडे आये है. आज आरा युथ ग्रुप ने उन बस्तियों में जाकर मिठाई , कपडे ,मोमबत्तियां और भी बहुत सारी चीजों को वितरित किया.
रंगोली कार्यक्रम में आदित्य अतुल , दीपक सागर , संस्कार कृष्णा , ऋषभ , अभय , आयुष श्रीवास्तव , आरा रेल SM खुशबू कुमारी के साथ अन्य लोग उपस्थित थे.
आरा से सावन कुमार की रिपोर्ट