टेंडर नहीं, फिर भी वसूल रहे पार्किंग चार्ज
DRM से बड़े हैं आरा स्टेशन के रेलवे अधिकारी! नहीं मानते किसी का आदेश भोजपुर मुख्यालय का आरा रेलवे स्टेशन जो रेलवे को राजधानी पटना के बाद सबसे ज्यादा पैसे देता है, वहाँ असुविधाओं का अंबार है. असुविधा और विवादों से घिरे स्थानीय रेलवे स्टेशन रेलवे के किये जर्सी गाय की तरह हो गया है. भरपूर आमद होने के बाद भी रेलवे का लालच अब इस जर्सी गाय को कपिला गाय बनाने की मंशा जैसे हो गई है, तभी तो रेलवे परिसर स्थित मोटरसाइकिल एवं साइकिल स्टैंड का टेंडर फरवरी माह में ही समाप्त होने के बाद भी यात्रियों से जबरन वसूला जाता है. ये वसूली यहां पर मोटरसाइकिल पार्किंग करने के लिए 15- 20 रुपए की होती थी जबकि यह चार्ज पूरी तरह से अवैध है. लेकिन लोगों की मुसीबत यह है कि यदि रेलवे परिसर में बायीं तरफ वे अपनी गाड़ी लगाते तो रेलवे प्रशासन उसमें जंजीर लगा देती है और 500 रूपये जुर्माना वसूलती है. इस 500 रुपए के जुर्माने से बचने के लिए लोग 15 रुपया देने को मजबूर हैं. टेंडर नहीं होने के बाद भी इस तरह वसूली रेलवे प्रशासन द्वारा अवैध वसूली की कलई खोलता है. सूत्रों की मानें तो इस वसूली का एक बड़ा हिस्सा रेल कर्मचारियों को दिया जाता है. मतलब साफ है बिना मिलीभगत यह धंधा फल-फूल नहीं रहा है. वहीं सूत्रों की माने तो स्थानीय रेलवे स्टेशन पर टेंडर नहीं देने का खेल लंबे समय से खेला जा रहा है. यदि टेंडर हो भी जाता है तो पूर्ण अवधि के … Continue reading टेंडर नहीं, फिर भी वसूल रहे पार्किंग चार्ज
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