विधायक ने कहा भिखारी ठाकुर हैं बिहार के मान-सम्मान
भिखारी ठाकुर ने भोजपुरी भाषा को जन-जन तक पहुचाया
3 दर्जन लोगों को दिया गया सम्मान
नाटक, गायन और गोष्ठी का हुआ आयोजन
भिखारी ठाकुर का नाम आते ही पूर्वी की एक टांस और गंगाके तटीय और सोन के किनारे का दृश्य अनायास आ जाता है. ये याद शायद उनके गाँव के परिदृश्य को देखने के बाद से जेहन में है या फिर उनके बारे में सुनने या जानने के बाद. वस्तुतः उनकी कृतियों में भी यथा गंगा-स्नान में भी ये वर्णन मिल ही जाता है. कहने का मतलब है लय और रस के साथ खाँटी देसी और लोक की बोली की खनकती आवाज थे भिखारी ठाकुर. भले हीं भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर कहा जाता हो लेकिन सच मायने में भोजपुरी के वे लय और सुर थे तभी तो आज सैकड़ो साल भी भोजपुरी का नाम आते ही भिखारी का नाम सुर के साथ निकलती एक गीत या कहावतों के साथ याद आ जाता है.
लोक कलाकार और भोजपुरी के शेक्सपीयर स्व० भिखारी भिखारी ठाकुर की 129वीं जयंती,भिखारी ठाकुर सामाजिक शोध संस्थान के तत्वावधान में, सरदार बल्लभ भाई पटेल बस स्टैंड स्थित भिखारी ठाकुर प्रतिमा स्थल पर मनायी गयी. जिसका विधिवत उद्घाटन विधायक अनवर आलम, बार असोसोसिएशन के सचिव राजेश कुमार पांडेय, पूर्व सिनेट सदस्य प्रो रामतवक्या सिंह, प्रो दीवाकर पांडेय, अर्चना सिंह, संजय सिन्हा, डा के डी सिंह, भाई बरमेश्वर, डा केशव ठाकुर, प्रो किरण कुमारी ने सामूहिक रूप से किया गया. इस अवसर पर विधायक डा अनवर आलम ने कहा कि भिखारी ठाकुर बिहार के मान-सम्मान है. उन्होंने अपने नाटकों के माध्यम से समाज को जो संदेश दिया वह आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने भोजपुरी भाषा को जन-जन की भाषा बनाया. कार्यक्रम में तीन दर्जन लोगों को भोजपुरी सेवक व सेविका-2016 सम्मान से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर कलाकारों ने कई प्रस्तुतियाँ भी दी. कार्यक्रम में कथक नर्तक अमित कुमार ने नृत्य प्रस्तुत किया. जिसमें मशहूर नाटककार स्व. प्रो.श्याम अस्थाना,रणजीत बहादुर माथुर ,लेखक और निर्देशक जीतेन्द्र सुमन , पत्रकार शमशाद प्रेम समेत कई लोगों को सम्मानित किया गया.
नाटक नशा नाश करेला की हुई प्रस्तुति
भिखारी ठाकुर का नाम आये और नाटक न हो, ये हजम नहीं होता है. वे एक सफल अभिनेता और निर्देशक थे. आरा रंगमंच ने भिखारी ठाकुर की जयंती पर लोक धुनों से रची भोजपुरी नाटक ‘नशा नाश करेला’ का मंचन किया. डॉ अनिल सिंह के निर्देशन में प्रस्तुत इस नाटक के माध्यम से कलाकारों ने मौजूद लोगों के बीच शराब का सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला लोगों को नशा नहीं करने की सलाह दी. साथ ही यह अपील भी किया कि कहीं भी शराब का सेवन या बिक्री दिखे तो पुलिस को इसकी सूचना दें. नाटक के विभिन्न किरदारों में पंकज भट्ट, सुधीर शर्मा, अनिल सिंह, पूजा, आरती, प्रीति, लड्डू भोपाली, भरत आर्य व अन्य थे.
भिखारी ने भी किया था नशा के खिलाफ नाटक
भिखारी ठाकुर ने भी नशा के खिलाफ “पियवा नसाइल ” नाटक कर जन-जन तक उसके दुष्प्रभाव को दिखाया था. लेकिन सैकड़ो वर्ष बाद भी नशा की गिरफ्त से समाज आजाद नहीं हुआ.
गोष्ठी और गायन की भी हुई प्रस्तुति
इस मौके पर मदन चौबे, राजा भोजपुरिया, मंगलेश ठाकुर व अन्य ने भोजपुरी गीतों की प्रस्तुति दी. वही मुन्ना उपाध्याय, छोटू बिहारी, मनोज तिवारी ने मौके पर ‘लोक संस्कृति अउर भिखारी ठाकुर’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया. अतिथियों का स्वागतव व मंच संचालन पत्रकार नरेंद्र सिंह, अनाउंसमेंट मशहूर उद्घोषक रवि रंजन ने किया. धन्यवाद ज्ञापन भाई बरमेश्वर ने किया.
रिपोर्ट -आरा से ओ पी पांडेय