उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ ही चैती छठ का समापन
लोक आस्था का महान पर्व छठ उदीयमान सूर्य के अर्घ्य देने के साथ ही सम्पन्न हो गया. उतर भारत में मनाया जाने वाला यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है. कार्तिक महीने में और चैत्र मास में. छठ का व्रत बहुत ही कठिन और स्वच्छता के लिए जाना जाता है. बिना जल के दो दिनों का उपवास और उससे पहले 2 दिन बिना लहसुन प्याज के सादा और सात्विक भोजन के साथ यह पर्व मनाया जाता है.
इस साल चैती छठ के लिए विभिन्न जगह श्रद्धालुओं का जमावाड़ा देखने को मिला. भोजपुर के विभिन्न गाँवो और शहर के कलेक्ट्रियट तालाब, नहर और अन्य जगहों पर व्रतियों ने छठ व्रत किया. इस मौसम में पर्याप्त पानी नदी, नहर या पोखरों में न होने की वजह से अधिकांश व्रतियों को घर के अपने छत पर ही इस पर्व को मनाते देखा गया.
आरा से ओपी पांडे