वीर कुँवर सिंह विश्वविद्यालय की आयोजित हुई बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का उत्तर लीक होने के बाद एनएसयूआई भोजपुर जिला इकाई के महासचिव नितेश सिंह तथा सुमित ठाकुर के नेतृत्व में प्रश्न पत्र लीक हुए मामले में करवाई को लेकर कुलपति का पुतला दहन आरा के जज कोठी मोड़ पर किया गया.
पुतला दहन के पश्चात उपस्थित छात्रों के समूह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बीएड की परीक्षा में जमकर धांधली हुई है जिसकी सूचना परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद विश्वविद्यालय के कुलपति व परीक्षा नियंत्रक को दे दी गई. विश्वविद्यालय के कुलपति को प्रमाण के साथ परीक्षा समाप्ति के बाद बता दिया गया कि परीक्षा शुरू होने के पूर्व ही प्रश्न पत्र का उत्तर लीक था इसके बावजूद कुलपति ने यह कहकर इतने बड़े मामले को नकार दिया कि परीक्षा समाप्त होने के बाद प्रश्न पत्र लीक होने का दावा करना महज अफवाह है. अगर ऐसा है तो कुलपति महोदय जवाब दें कि संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष को परीक्षा बहिष्कार करने के बाद भी जिला प्रशाशन के बल पर जबरदस्ती परीक्षा केंद्र से बाहर निकलने क्यों नही दिया गया? अगर कुलपति की ही बात को सत्य माना जाए तो क्या विश्वविद्यालय प्रशाशन का यह कर्तव्य नहीं कि अगर कोई संगठन साक्ष्य उपलब्ध करा रहा है तो मामले को गंभीरता से लिया जाए. भले ही विश्वविद्यालय प्रशासन परीक्षा को रद्द ना करें लेकिन इसके जांच के आदेश तो दे ही सकता है. NSUI छात्र नेता अभिषेक द्विवेदी ने दावा किया है कि बीएड परीक्षा के पूर्व ही उत्तर आ गए थे, तो विश्वविद्यालय उसे गंभीरता से ले. अगर जांच में दावा सही निकलता है तो विश्वविद्यालय इस मामले की लीपापोती छोड़ एसआईटी का गठन कर प्रश्न पत्र लीक करने वालों पर करवाई करे अन्यथा मामला अफवाह निकला तो विश्वविद्यालय अभिषेक द्विवेदी पर कार्रवाई करने को स्वतंत्र है.
छात्र नेता सुमित ठाकुर ने कहा कि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रशाशन मेरिट में आये छात्रों के साथ खिलवाड़ कर रही है. लगता है अभी तक टॉपर घोटाला या बिहार एसएससी इंटर स्तरीय परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक घोटाले से सबक नहीं लिया गया है. एनएसयूआई भोजपुर के महासचिव नितेश सिंह ने कहा कि परीक्षा के बाद प्रश्न पत्र ले जाने की इजाजत नहीं थी लेकिन सोशल मीडिया पर परीक्षा का सवाल अपलोड होना यह बतलाता है कि परीक्षा में कदाचार हुई है और फ़ोन से किसी परीक्षार्थी ने ही प्रश्न पत्र का फोटो लिया इस बात से कुलपति कैसे इनकार कर सकते हैं.
एक अन्य छात्र नेता चैतन्य ओझा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय पटना उच्च न्यायालय के आदेश से भी बड़ा अपने आप को मानते हैं. पटना उच्च न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी परीक्षा के पूर्व परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में जाने से पहले सघन तलाशी ली जाती है तथा परीक्षा की वीडियोग्राफी कराई जाती है क्या विश्वविद्यालय के द्वारा वीडियो ग्राफी कराई गई? इससे स्पष्ट होता है कि विश्वविद्यालय के बड़े पदाधिकारी प्रश्न पत्र लीक मामले में संलिप्त है इसीलिए विश्वविद्यालय के पास पुख्ता सबूत होने के बाद भी वो जांच से कतरा रही है.
अंत मे वक्ताओं ने सर्वसहमति से निर्णय लिया कि भारत के महामहिम राष्ट्रपति को पत्र के माध्यम से इस मामले को अवगत कराया जाएगा और अब वहीं से न्याय की गुहार लगाई जाएगी. पुतला दहन में गोलू तिवारी, अभिषेक राय, मुकुल सिंह, उज्ज्वल कुमार, रवि राजपूत, रवि तिवारी, मंटू पांडेय, सनी तिवारी, श्रीमन नारायण तिवारी, लड्डू राय, कुश श्रीवास्तव, शिशु राय, पुनीत पांडेय, दीपेश सिन्हा, सरोज यादव के साथ दर्जन भर छात्र उपस्थित थे.
आरा से सत्य प्रकाश सिंह