बिहार में अब डेढ़ करोड़ लीटर नीरा उत्पादन की तैयारी
628 उत्पादक समूह में 10,415 परिवार जुड़े
जीविकोपार्जन योजना के तहत एक लाख रुपये प्रति परिवार के लिए अनुदान
योजना का बजट 850 करोड़ रुपये
आजीविका संवर्धन पर 610 करोड़ खर्च होंगे
40,893 परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा गया
जिलों में सर्वे कराया जा रहा है, दुकानों पर भी बेचने की योजना
2017 से अब तक कुल 89 लाख 46हजार 380 लीटर नीरा का उत्पादन
बिहार सरकार अब शराब-ताड़ी के उत्पादन या बिक्री से जुड़े शहरी क्षेत्र के गरीब लोगों को भी जीविकोपार्जन योजना के तहत को एक लाख रुपये प्रति परिवार निवेश करने के लिए अनुदान देगी. इसके अलावा सरकार जितनी भी योजनाएं हैं, इन्हें उनका भी लाभ दिलाया जायेगा. सरकार का मानना है कि अब भी कुछ लोगों तक इस योजना का लाभ नहीं पहुंच पाया है.
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और ग्रामीण विकास विभाग के सचिव बालामुरूगन डी ने बुधवार को संयुक्त रूप से प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि 2024 तक एक करोड़ 50 लाख लीटर नीरा उत्पादन कराने का लक्ष्य तय किया गया है. अभी 80 लाख लीटर नीरा का उत्पादन हो रहा है. नीरा कारोबार से जुड़े लोगों ने अब तक 70 करोड़ रुपये की कमाई की है.
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि देशी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों एवं अनुसूचित जाति – जनजाति एवं अन्य समुदायों के अब तक इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत निर्धन परिवारों को मिलता आया है. सरकार चाहती है कि योजना को शहरी क्षेत्रों में भी विस्तारित किया जाये. इस योजना का बजट 850 करोड़ का है. इसमें आजीविका संवर्धन पर 610 करोड़ खर्च होंगे.
ताड़ी तथा देशी शराब से जुड़े 40,893 परिवारों को सतत जीविकोपार्जन योजना से जोड़ा गया. 30,619 परिवार ताड़ी तथा 10,274 परिवार देशी शराब के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े हुए थे. योजना में अब तक कुल 1,47,277 अत्यंत निर्धन परिवारों का चयन किया गया है. इनमें 95,921 अनुसूचित जाति- जनजाति तथा 51,356 अन्य वर्गों के हैं. अब तक 1,45,998 अत्यंत निर्धन परिवारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. जीविका ग्राम संगठनों द्वारा 141,108 निर्धन परिवारों को सूक्ष्म व्यवसाय के लिए जीविकोपार्जन निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है. इनमें 101,971 परिवार सूक्ष्म व्यवसाय, 38,384 परिवार पशुपालन तथा 753 परिवार कृषि से जुड़े हैं. पशुपालन से जुड़े परिवारों में 35812 बकरीपालन तथा 2572 परिवार गौ पालन कर रहे हैं.
नीरा परियोजना में 34,037 टैपर्स को नीरा उत्पादन एवं इसके विभिन्न उत्पादों जैसे गुड़, पेड़ा बनाने हेतु प्रशिक्षण दिया गया. 628 उत्पादक समूह का गठन किया गया है. 10,415 परिवार जुड़े हैं. नीरा के विक्रय के लिए 1946 नीरा विक्रय केंद्र की स्थापना की गयी है. नालंदा जिले में तीन शीतक केंद्र हैं. 2017 से अब तक कुल 89 लाख 46हजार 380 लीटर नीरा का उत्पादन किया जा चुका है. इसकी बिक्री से नीरा उत्पादों को कुल 69.45 करोड़ की आय हुई. बीते मार्च से जुलाई तक 80 लाख लीटर नीरा का उत्पादन किया गया. इसमें 75 लाख 17 हजार 287 लीटर नीरा का विक्रय किया गया.
सरकार इस साल से खजूर के पेड़ से नीरा का उत्पादन शुरू करा रही है. इसका उत्पादन पूरे साल होगा. इसके लिए पेड़ों का सर्वे कराया जा रहा है. क्लस्टर बनाये जा रहे हैं. उत्पादन स्थल से बिक्री स्थल तक का रुट चार्ट बनाया गया है.
रवीन्द्र भारती ,पटना