चंद्रयान 3 के लैंडिंग से पहले चला पूजा पाठ और दुआओं का दौर

पटना,24 अगस्त( ओ पी पांडेय). 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद चंद्रयान-3 बुधवार को चांद के साउथ पोल पर शाम 6 बजकर 4 मिनट पर सॉफ्ट लैंड के साथ ही दुनिया में इतिहास रच दिया और भारत का नाम पूरी दुनिया में अपने मून यात्रा के लिए स्वर्णिम अक्षरों में अंकित कर दिया. आस्था और विविधताओं के इस देश में वैज्ञानिक जहाँ तकनीकी रूप से अपनी मेहनत का एक-एक पल अपने पसीने के साथ बीता रहे थे. वही दूसरी ओर चन्द्रयान 3 के सॉफ्ट और सफलता पूर्वक लैंडिंग के लिए पूरा देश दुआओं के साथ अपने-अपने आराध्य के पास अपने श्रद्धा के स्थलों में खड़े भारत के नए अध्याय के लिए प्रार्थनरत थे.




वाराणसी में चंद्रयान 3 के लिए अंतरिक्ष के देवता की हुई पूजा

वाराणसी के काल भैरव मंदिर में चंद्रयान-3 के लिए विशेष पूजन किया गया. चंद्रयान 3 की तस्वीर को तिलक लगा, रक्षा सूत्र पहनाया गया और फिर दंड भी लगाया गया. इसके बाद हर-हर महादेव और भारत माता की जय के नारे लगाए. इस दौरान हाथ में तिरंगा और चंद्रयान-3 की तस्वीर लेकर भक्तों ने श्लोक पाठ किया.

अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत चंद्रयान 3 के लैंडर विक्रम के लैंडिंग के साथ भारत अमेरिका, रूस, चीन के बाद ऐसा चौथा राष्ट्र बन गया, जिसने अंतरिक्ष के ऐसे मिशन में कामयाबी हासिल किया है. वैसे तो देशभर में चन्द्रयान 3 के लिए पूजा-अर्चना और हवन का दौर चला लेकिन काल भैरव मंदिर में चंद्रयान-3 की सफलता के लिए विशेष पूजा अर्चना की गई.

काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा काल भैरव बुरी नजर, परेशानी और बाधा से बचाने वाले देवता माने जाते हैं. इसी वजह से आज बाकायदा चंद्रयान-3 की तस्वीर को काल भैरव के दंड से झाड़ा गया. भभूति लगाई गई और तिलक लगाने के बाद रक्षा सूत्र भी बांधा गया, ताकि चंद्रयान-3 को नजर न लगे.

काल भैरव मंदिर में ‘खेचर भैरव’ का किया गया पूजन

अंतरिक्ष के भैरव यानी अंतरिक्ष के देवता माने जाने वाले ‘खेचर भैरव’ का काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के मंदिर में पूजा अर्चना की गयी. काशी के श्री काल भैरव मंदिर में चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग के लिए एवं उसके पूर्ण सफलता के लिए श्री काल भैरव मंदिर परिवार के द्वारा एक अद्भुत पूजन का आयोजन किया गया था.

पूरे विश्व में इस प्रकार का पूजन प्रथम बार श्री काल भैरव मंदिर में हुआ जिसका उद्देश्य चंद्रयान तीन की सफलता हेतु अंतरिक्ष में वहां के अधिपति के रूप में स्थापित बाबा श्री काल भैरव की ही एक स्वरूप खेचर भैरव का विशेष पूजन एवं अर्चन किया गया क्योंकि अंतरिक्ष की समस्त व्यवस्थाओं को खेचर भैरव ही देखते हैं. अतः उनका विशेष पूजन और अर्चना किया गया इस अवसर पर काल भैरव मंदिर 300 वर्ष से नाथ योग परंपरा का निर्वाह करने वाले योगी प्रकाश नाथ योगेश्वर ने व कालभैरव परिवार के अन्य नाथ योगियो एवं पुजारियो ने मिलकर पूजन किया और चंद्रयान की तस्वीर पर भैरव का भस्म भैरव का गंडा माला धारण करवा कर चंद्रयान-3 की तस्वीर पर भैरव का दंड लगाकर उसके पूर्व सफलता की कामना कर बाबा खेचर भैरव की आरती की.

इस अवसर पर काल भैरव मंदिर की तरफ से रोहित योगेश्वर, मोहित योगेश्वर ,नवीन गिरी, धर्मेंद्र नाथ, प्रमोद गिरी ,देवगिरी, आशीष कुमार ,सहित काल भैरव मंदिर परिवार के अनेक सदस्य उपस्थित थे. इस समस्त कार्यक्रम का मार्गदर्शन वयोवृद्ध नाथ योगी प्रेम नाथ के दिशानिर्देश अनुसार हुआ. सभी भैरव भक्त उच्च स्वर में भारत माता की जय, वंदे मातरम ,जय हिंद, के नारों से मंदिर को गुंजायमान कर रहे थे. आने वाले श्रद्धालु भी भारत माता की जय ,जय हिंद के साथ हर हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे. योगी प्रकाश नाथ योगेश्वर ने पूजन के उपरांत कहा था कि खेचर भैरव की विशेष पूजन से उन्हें पूर्ण विश्वास है कि यह लैंडिंग पूर्ण सफल होगी और आने वाले दिन में भारत को महागुरु बनने के पथ पर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, और शाम होते ही चन्द्रयान 3 के सॉफ्ट लैंडिंग के बाद सचमुच उनकी बातें सत्य साबित हुई.

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