कई दिनों के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार बेउर जेल पहुंच ही गए विधायक अनन्त सिंह
बेउर जेल के डीवीजन वार्ड में रखा गया विधायक अनंत सिह को
जेल का खाना खाने से इनकार की बात को जेल सुपरिटेंडेंट ने नाकारा
फुलवारीशरीफ/पटना (अजीत की रिपोर्ट)। मोकामा के बाहुबली विधायक अंनत सिंह एके 47 हैंड ग्रेनेड और भारी मात्रा में हथियार बरामदगी मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट में सरेंडर करने के बाद बाढ़ कोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच रविवार दोपहर बेउर जेल भेजे गए. इस दौरान बाढ़ से लेकर पटना बेउर जेल तक हाइवे पर जगह जगह पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी . कैदी वैन से बेउर जेल परिसर में उतरने के बाद विधायक अनन्त सिंह सीधे जेल के भीतर चले गए. जेल में प्रवेश करने के साथ ही पुलिसकर्मियों ने राहत की सांस ली . जेल के आसपास सुरक्षा की ऐसी व्यवस्था की गई थी कि किसी को भी आस पास फटकने तक नही दिया गया. जेल अधीक्षक जवाहर लाल ने बताया की विधायक अनन्त सिह को जेल के डिवीजन वार्ड में रखा गया है इस वार्ड में पहले भी विधायक अनंत सिंह रह चुके है. बेउर जेल अधीक्षक ने विधायक के खाना खाने से इनकार किये जाने वाली बात को सिरे से ख़ारिज करते हुए गलत बताया है.
इससे पहले रविवार सुबह मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दिल्ली से पटना लाया गया था.साकेत कोर्ट से 2 दिनों की ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पटना पहुंची थी. जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच आज अनंत सिंह को बाढ़ कोर्ट में पेश किया गया. बाढ़ कोर्ट में पेशी के बाद बाहुबली विधायक अनंत सिंह को 14 दिनों के लिये न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया गया है. अंनत सिंह को पेशी दौरान पटना पुलिस ओर से रिमांड की मांग की गई, पर कोर्ट ने देने से इंकार कर दिया. पटना पुलिस कल फिर से पुलिस रिमांड की मांग करेगी. कोर्ट ने विधायक अनंत सिंह को न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेजने का आदेश दिया.
बता दें कि अनंत सिंह के पैतृक आवास पर 16 अगस्त को हुई छापेमारी में एक एके 47 और हैंडग्रेनेड बरामद हुआ था. जिसको लेकर अनंत सिंह के खिलाफ यूएपी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था. जिसके बाद से वे लगातार फरार चल रहे थे. अनंत ने बाद में दिल्ली में सरेंडेर किया जिसके बाद पुलिस लेकर आयी है.
खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे
खिसयानी बिल्ली खंभा नोंचे…ये कहावत आज पटना पुलिस पर बहुत ही सही बैठ रही है. बाहुबली विधायक अनन्त सिंह को पकड़ने में विफल पटना पुलिस दिखावे में लगी हुई है. 17 अगस्त से फरार विधायक को पकड़ने के लिये 11 स्पेशल टीम का गठन किया गया था, जिसमे 200 से ज्यादा पुलिस अधिकारी और तेज तर्रार पुलिसकर्मियों को रखा गया था, पर निकला ढ़ाक के तीन पात…. अंधेर में तीर मारने वाले स्टाइल में अनन्त के रिश्तेदारों और करीबियों के घर छापेमारी करती रही, लेकिन अनन्त वीडियो जारी करते रहे और दिल्ली पहुंचकर सरेंडर कर दिया. जब पटना एयरपोर्ट पर विधायक को लाया गया तो सबसे पहले पत्रकारों को पोर्टिको में ही जाने से रोक दिया गया. बवाल के बाद पोर्टिको में जाने का आदेश दिया गया. लेकिन फिर मिडियाकर्मीयों को चकमा देने के लिए एराइवल गेट पर एक पुलिस बैन लगाया गया और उसके बाद पुलिस पिछले गेट से अनन्त सिंह को लेकर निकल गयी. ऐसा लगता है कि सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर अनन्त समर्थकों के डर से पटना पुलिस के हाथ पांव फुले हुए हैं. इतना ही नहीं पटनावासियों को करीब आकत घंटे तक कैद कर लिया गया. शहर के सभी रास्ते को सील कर दिया गया. जैसे लगा कि राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री का आगमन पटना में हो रहा हो. इतना ही नहीं स्पेशल रास्ता बना या कहें तो कारिडोर तरह का रास्ता बना पटना से बाढ़ तक रास्ते में पड़ने वाले सभी थानेदार एस्कार्ट करते रहे और अपनी-अपनी सीमा पार कराते हुये चैन की सांस लेते रहे.