जल्द ही रिलीज होगी फिल्म
गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड है अमरेश का नाम
राजनीति और प्यार के बीच बुना है कहानी का ताना बाना
पोस्टर रिलीज में मौके पर पटना में की बात
भाजपा क्रीडा प्रकोष्ठ के सतीश राजू ने दी बधाई
फैशन डिज़ाइनर से एक्टर बनना अच्छा लगा है. दरअसल फैशन डिजाइन के साथ साथ एक्टिंग भी करनी है. एक्टिंग का शौक तो बचपन से ही हो गया था. जब मैं सम्भावना आवासीय विद्यालय में 5वीं क्लास में था तब कार्यशाला के दौरान दो तीन नाटक पहले नाट्य गुरु रवींद्र भारती सर के निर्देशन में किया था. अंधेर नगरी चौपट राजा, खेल खेल में, तेतु आदि। एक चोर मोनो एक्टभी किया था तब से सपना हीरो बनने का होगया.नाटक के साथ पेंटिंग और फिर फैशन की पढ़ाई कर सबसे लम्बा गाउन बना कर गिनीज बुक में अपना रिकॉर्ड बनाया. कई फैशन शोज में अपनी कल्पनाशीलता का परिचय दिया और आज फैशन के दुनिया में काम कर रहा हूँ.अब फिल्मों में काम करना शुरू किया है.
युवा नेता मेरी पहली फिल्म है लेकिन मुझे शूटिंग में कुछ भी नया जैसा नहीं लगा।.क्योंकि मेरा एक्टिंग का पक्ष मजबूत था,बचपन में ही मैंने नाटक के बारे में सिखाया गया था, रस के प्रकार, मंच, अभिनय, वॉयस मॉड्यूलेशन, एक्सप्रेशन आदि. कैमरे के सामने मुझे डर नहीं लगा. लोग भी बोलते थे कि आपने फिल्म किया होगा लेकिन मेरी फिल्म है.
एक बात और आपसे साझा कर रहा हूँ अभी आगे चार और फिल्म कर रहा हूं। एक हिंदी, एक भोजपुरी और एक राजस्थानी.भोजपुरी में जो पुराने तरीके के फिल्म पैटर्न जो चले आ रहे हैं मुझे वैसे नहीं करना. कहानी भी अलग होगी जैसे हिंदी या साउथ फिल्म में होती है, बस लैंग्वेज भोजपुरी. फिल्म की कहानी के बारे में अमरेश सिंह बताते है कि ये कहानी एक युवा अमर सिंह की कहानी है जो प्रसिद्ध समाज सेवी स्वर्गीय श्याम सुन्दर सिंह का लड़का है और अपने पिता की ही तरह ही समाज सेवा में डूबा हुआ है. और एक शिक्षिका लड़की शिवानी से प्रेम करता है.
उस इलाके का बाहुबली गुंडा रघुवीर यादव जो बहुमुखी ज़नता पार्टी का बड़ा नेता है. उस इलाके के सारे गलत और अवैध काम उसके हैं या उसके इशारे पर ही चलते हैं. रघुवीर यादव उस विधान सभा पर फ़िर से कब्ज़ा करने के लिए एक चाल के तहत अमर सिंह को विधान सभा का टिकट अपने पार्टी से दिला कर चुनाव लड़ने के लिए राजी कर लेता है ताकि वह अपने बाहुबल और अमर सिंह के समाज सेवी होने का फ़ायदा उठाकर इस क्षेत्र पर फ़िर कब्ज़ा कर सके. अमर सिंह चुनाव इस लिए लड़ते हैं ताकि वो विधायक बन कर इस क्षेत्र के लोगों की और ज़्यादा सेवा कर सकें. उन्हें रघुवीर सिंह के गलत कामों के बारे में जानकारी नहीं है.
अमर सिंह का विरोधी लल्लन राय जो कि लगातार दो बार से चुनाव हारता रहा है, ये सुन कर बौखला जाता है. उसे अपनी लगातार तीसरी हार निश्चित दिखाई देती है, क्योंकि अमर सिंह की एक समाजसेवी के रुप में इस क्षेत्र में ज़बरदस्त लोकप्रियता है. वह अपनी पार्टी के सीनियर नेता और गुरु कपिल तिवारी से मिलता है जो उसे सांत्वना देते हैं और कहते हैं कि ये उसकी आखीरी हार होगी… उसके बाद केवल जीत ही जीत है.
अमर सिंह चुनाव जीत जाते हैं. और जनता के बीच काम करना शुरु करते हैं. धीरे धीरे अमर सिंह को रघुवीर यादव के गलत कामों के बारे में पता चलता है. इमान्दार छवि के होने के कारण अमर सिंह रघुवीर यादव के गलत कामों पर लगाम लगाना शुरु करते हैं. रघुवीर यादव ये देख कर गुस्से में भर जाता है. दोनों में दुश्मनी हो जाती है.
रघुवीर यादव अमर सिंह की प्रेमिका का किडनैप कर हत्या करा देता है. इसके बाद वह अमर सिंह के भाई राकेश का भी खून करवा देता है और अमर सिंह पर जान लेवा हमला करवाता है. अमर सिंह इस हमले में किसी तरह बच जाते हैं अस्पताल में उनकी कॉलेज की दोस्त डॉक्टर खुशी उनकी सेवा कर बचाती है. अमर सिंह जानते हैं कि रघुवीर यादव फ़िर उन्हें मरवाने की कोशिश करेगा. इसलिए वो अपने अपनो की हत्या का बदला लेने के लिए उसे जान से मार देते हैं. और जेल चले जाते हैं. खुशी जेल में उनसे मिलने जाती है और उनके लौट के आने तक उनका इन्तज़ार करने को कहती है.
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