लोकसभा में पेश होगा डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल
यूजर्स के डाटा का गलत इस्तेमाल करती है कंपनियां
नई दिल्ली; डाटा प्रोटेक्शन बिल एक ऐसा कानून है जो यूजर्स की निजी जानकारी और डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखेगा. गूगल से लेकर फेसबुक और ट्विटर तक जो कंपनियां यूजर्स का डाटा कलेक्ट करती हैं उनकी प्रोसेसिंग को यह बिल पूरी तरह से पारदर्शी बनाएगा.सोशल मीडिया आज के दौर में लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. इसका फायदा उठाते हुए कई बार सोशल मीडिया कंपनियां लोगों की जानकारियां अपने फायदे के लिए बेच देती है. इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार आज डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 लोकसभा में पेश करेगी. इस विधेयक को केंद्रीय कैबिनेट पिछले दिनों अपनी मंजूरी प्रदान कर चुकी है. कानून बनने के बाद सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगेगा.
डाटा प्रोटेक्शन बिल एक ऐसा कानून है जो यूजर्स की निजी जानकारी और डिजिटल पहचान को सुरक्षित रखेगा. गूगल से लेकर फेसबुक और ट्विटर तक जो कंपनियां यूजर्स का डाटा कलेक्ट करती हैं उनकी प्रोसेसिंग को यह बिल पूरी तरह से पारदर्शी बनाएगा. इस बिल के आने के बाद अगर कोई संस्था यूजर का डाटा स्टोर करना चाहती है तो उसके लिए उसे अनुमति लेनी होगी. साथ ही कोई भी संस्था इस डाटा का इस्तेमाल अपने हित के लिए नहीं कर पाएगी. जिस तरह से डाटा चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं और ऑनलाइन फ्रॉड सामने आ रहे हैं, इस बिल के आने से इन घटनाओं में कमी देखी जा सकती है.
जब भी आप किसी वेबसाइट या ऐप पर अपनी डिटेल दर्ज करते हैं तो आपका डाटा उस वेबसाइट या ऐप के पास चला जाता है. इसमें आपके नाम से लेकर एड्रेस और फोन नंबर समेत कई जानकारियां शामिल होती हैं. सिर्फ यही नहीं, बैंक डिटेल्स समेत सर्विस प्रोवाइडर की जानकारी भी कंपनियों के पास होती है जिनका इस्तेमाल कंपनियां अपने हित में करती हैं और फिर इनका इस्तेमाल टारगेटेड ऐड चलाने के लिए किया जाता है.
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