महान शोधकर्ता,पत्रकार और सम्पूर्ण कलाकार को श्रद्धांजलि
“कलाकार साझा संघ”, पटना द्वारा आलोक रंजन की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर रंगकर्मी व ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया व् उनके आकस्मिक निधन पर अपनी संवेदना प्रकट की।
सभा का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी मिथलेश सिंह ने किया. सभा में वक्ताओं के रूप में वरिष्ठ फ़िल्मकार किरण कान्त वर्मा, सुमन कुमार, शिवजी सिंह, प्रोफ़ेसर लाल कवि नासिर ने संबोधित किया. फ़िल्मकार किरण कान्त वर्मा ने फिल्म ‘हक़ की लड़ाई’ के निर्माण के दौरान उनके साथ के अनुभव को साझा किया. वरिष्ठ रंगकर्मी सुमन कुमार ने उनके द्वारा लिखित पटकथा ” अपने होने का सच” को पूरा कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में अर्पित करने का संकल्प लिया.शोक सभा में आलोक रंजन जी की बहन सुधा जी ने सभी कला मर्मज्ञों से अपील की, कि उनके योग्यदान को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है. आलोक रंजन के परिवार से जुड़े युवा साहित्यकार ‘ ऋतू राज’ ने उन्हें महान शोधकर्ता बताया, साथ हीं उनकी विनम्रता और मित्रों के लिए सहज, समर्पण भाव का उल्लेख किया. वरिष्ठ रंगकर्मी गणेश प्रसाद सिन्हा ने आकाशवाणी में बतौर लेखक उनके योगदान को याद किया. उन्होंने आलोक रंजन जी को अपने पुत्र के समान बताया.श्री सिन्हा ने उन्हें कभी ना बुझने वाली अग्निशिखा के रूप में संबोधित किया.लोक गायक अजित कुमार अकेला ने गहरी संवेदना प्रकट करते हुए उनकी गायन प्रतिभा पर प्रकाश डाला. उन्होंने उन्हें ना केवल सक्षम लेखक / गीतकार बताया, अपितु एक बेहतर इंसान के रूप में भी उनके साथ व्यतित किए गए क्षणों को याद किया.
शोक सभा का समापन करते हुए कलाकार साझा संघ के अध्यक्ष कुमार अनुपम ने उन्हें महान साहित्यकार, पत्रकार एवं रचना जगत के एक धरोहर के रूप में याद किया. उनकी जयंती पर एक दिवसीय कार्यक्रम करने का संकल्प भी लिया . फिल्मकार संजय सिन्हा ने उनके छूटे हुए अधूरे कार्यों को पूरा करने का आह्वान किया.आलोक रंजन के जाने से कला व फिल्म जगत को जो छति हुई है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती. “कलाकार साझा संघ” उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि प्रकट करता है.श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित संस्कृतिकर्मियों में श्री राम पांडेय, रत्नाकर, सुरेंद्र मोहन, यशवंत मिश्रा, प्रवीण सप्पू, फिल्मकार संजय सिन्हा, रंगकर्मी सनत कुमार, राजेश राजा, आदिल रशीद, विवेक कुमार, धर्मेश मेहता, अदिति सिंह आदि प्रमुख थे .