पूर्व केन्द्रीय मंत्री अखिलेश सिंह पहुंचे आरा
संघम शरणम गच्छामि हो गए हैं सुशासन बाबू
2019 के चुनाव की सरगर्मियां अभी से ही दिखने लगी हैं. सभी पार्टियों ने अपने अपने एजेंडे और प्लान के साथ लोगों के बीच अपनी पहुंच बनाना तेज कर दी हैं. रालोसपा के बाद कांग्रेस के पूर्व केन्द्रीय मंत्री का आगमन आरा हुआ. जिनके सम्पर्क का बहाना बिहार के पहले मुख्यमंत्री और स्वन्त्रता सेनानी स्व. डॉ कृष्ण सिंह हैं.
17 सालों से त्योहार की तरह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी व बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जयंती को धूमधाम से मनाने वाली कांग्रेस पार्टी की प्रदेश कमिटी इस बार इस जयंती को मनाने के लिए पूरी मुस्तैदी से मुस्तैद है. इस जयंती पर पूरे प्रदेश को आमंत्रित करने आये पूर्व केन्द्रीय मंत्री अखिलेश सिंह का जिले में जोरदार स्वागत हुआ. अपने प्रिय नेता के आगमन पर कोईलवर से ही यूथ कांग्रेस, NSUI और जिला कांग्रेस कमिटी के सदस्यों ने जगह-जगह मोटरसाइकिल और अन्य वाहनों के साथ उन्हें रोककर माल्यार्पण किया और गर्मजोशी के साथ नारे लगाए. NSUI ने अपने संगठन का एक प्रतीक रूपी पट्टा पूर्व मंत्री को सम्मानपूर्वक पहना उनसे सर्किट हाउस तक उसे पहने रहने का आग्रह किया. अपने जोरदार स्वागत से अभिभूत और प्रभावित अखिलेश सिंह ने वह प्रतीक पट्टा सर्किट हाउस पहुंचने के बाद NSUI के छात्र नेताओं से ही खुलवा सम्मानित स्नेह अर्पित किया.
देश को 27% चीनी देने वाले मिलों से अब धुंआ आना बंद है
आरा पहुँचे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा जितने भी कार्य हुए चाहे वह बरौनी प्लांट हो, चीनी मिल हो या A N सिन्हा इंस्टिट्यूट हो या फिर कोई भी एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, या फिर कोई और कार्य, सब बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री रहे स्व. डॉ कृष्ण सिंह के समय में हुआ है. बिहार के सबसे बड़े उद्योग में शामिल चीनी मिलें जो अकेले देश के 27% चीनी का उत्पादन करती थीं आज वह 2% पर आकर सिमट गया है. विकासपुरुष के विकास का यह है सत्य. कल तक चीनी उगलने वाले इन कारखानों की चिमनियों से अब धुंआ तक नहीं निकलता.
लॉ सुधारिये पहले…
नीतीश कुमार पर बिफरते हुए उन्होंने कहा कि “बापू आपके द्वार कार्यक्रम” की बजाय मुख्यमंत्री को लॉ एंड ऑर्डर पर ध्यान देना चाहिए. दशहरा और मुहर्रम के एक साथ पड़ने की वजह से बिहार के आधे जिले में आपसी सौहार्द बिगड़ा है. उसपर ध्यान देने की बजाय दूसरे चीजों पर ध्यान है. “संघ मुक्त भारत की बात करने वाले मुख्यमंत्री अब तो संघम शरणम गच्छामि हो गए हैं. RSS के मोहन भागवत के साथ बैठते हैं. भोजपुर के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए अंग्रेजो को यहां से खदेड़ने और बाबू कुँवर सिंह को भी याद करते हुए उन्होंने कहा कि भोजपुर सबसे प्रबुद्ध जिला है और पब्लिक सब देख रही है.
यहीं अच्छी व्यवस्था दे दीजिए ना क्यों जाएगा कोई दिल्ली AIIMS
इस दौरान जब पत्रकारों ने उनसे वर्तमान केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री आश्विनी चौबे द्वारा बिहारियों पर दिए गए आपत्तिजनक बयान के बारे में पूछा और प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अब अश्विनी जी के बारे में हम क्या कहें वो हमसे सीनियर थे, पढ़ाई के समय… बड़े भाई हैं लेकिन इस तरह का बयान बड़ा ही हास्यास्पद है. भारत सरकार के मंत्री है वे, उन्हें चाहिए कि बिहार में ही अच्छी वयवस्था करा दें.क्यों कोई जाएगा दिल्ली? कांग्रेस तो यही बात हमेशा से कहती आयी है कि प्रदेश का विकास हो.
इस दौरान जब “पटना नाउ” ने उनसे पूछा कि एक साल से भोजपुरी की पढ़ाई बंद है इसपर कांग्रेस क्यों नही कुछ करती जबकि पूर्व के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी उनके पार्टी के ही थे. इतना सुनते ही पहले तो बोलने से पूर्व मंत्री ने परहेज किया लेकिन तुरन्त संभलते हुए बोल गए कि ‘मेरी माँ तो खुद ही भोजपुरी है.’ “एकवारी की है मेरी माँ तो इसके लिए तो हमारा प्रयास सदा रहेगा और इसकी पढ़ाई चालू होने के लिए हर सम्भव प्रयास होगा.”
सुनिए क्या कहा पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने-
स्वागत करने वालों में NSUI नेता अभिषेक द्विवेदी, प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत ओझा, जिलाध्यक्ष मनीष सिंह उर्फ दुलदुल सिंह, उपाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, महासचिव राज सिन्हा, किशन, मुकेश ओझा, सुशील, निहाल, प्रिंस, राजू और विक्कू बाबू सहित यूथ कांग्रेस अध्यक्ष आशुतोष ठाकुर, संतोष पांडेय, श्रीधर तिवारी सहित कई गणमान्य और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी शामिल थे.
आरा से ओपी पांडे